Budget 2019 Highlights : मोदी सरकार ने इनकम टैक्स में किए थे ये बड़े बदलाव, ये हैं अब तक की हाइलाइट्स

मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) आज देश का पहला पूर्ण बजट (Budget 2019) सुबह 11 बजे पेश करने वाली हैं। इससे पहले मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में 1 फरवरी 2019 के दिन पूर्व वित्त मंत्री पीयूश गोयल (Piyush Goel) ने अंतरिम बजट (Intream Budget) पेश किया था।
मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में 5 लाख रुपए तक के टैक्सेबल इनकम को टैक्स मुक्त कर दिया था और सालाना 5 लाख रुपए तक कमाने वाले व्यक्तियों को कर मुक्त किया था। वहीं, पीयूष गोयल (Piyush Goel) ने अंतरिम बजट के समय कहा था कि हमने टैक्स स्लैब्स में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है और यदि सरकार वापस आती है, तो पूर्ण बजट में टैक्स स्लैब को लेकर बदलाव किया जा सकता है।
अंतरिम बजट से बढ़ी उम्मीद
पूर्व वित्त मंत्री पीयूश गोयल ने कहा था कि अगर सरकार वापसी करती है, तो पूर्ण बजट के समय टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। अंतरिम बजट पेश करते समय पीयूष गोयल ने कहा था कि मैने इस बजट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। वहीं, नौकरी पैशा वाला वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद कर रहा है कि टैक्स स्लैब में टैक्स मुक्त की सीमा 2.5 लाथ से लेकर 5 लाख तक कर सकती है।
मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में अंतरिम बजट पेश किया था, जिसमें उन्होंने 5 लाख से कम वेतनभोगी वर्ग को खुश किया था। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी पूर्ण बजट में मोदी सरकार नौकरी पैशा करने वालों को खुश कर सकती है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय सरकार ने बीते वर्ष 2017-18 और 2018-19 में इनकम टैक्स में कौन से बदलाव किए थे। इसके साथ ही 2019-20 में टैक्स स्लैब में मोदी सरकार किस तरह के बदलाव कर सकती है।
2017 और 2018 के बीच टैक्स स्लैब में हुए बदलाव
मोदी सरकार ने 2.5 लाख से लेकर 5 लाख सालाना इनकम वाले वर्ग पर 10 प्रतिशत टैक्स को कम कर 5 प्रतिशत कर दिया था। वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले से करअदाकारों को 12,500 रुपए का लाभ हुआ था। इसके साथ ही सरकार ने 50 लाख से 1 करोड़ सालाना कमाने वाले वर्ग के लिए 10 प्रतिशत टैक्स का सरचार्ज जोड़ दिया गया था।
2018 और 2019 का बजट
बीते वर्ष मोदी सरकार ने पूर्ण बजट में वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों के लिए 40 हजार तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन को खत्म किया था। लेकिन मेडिकल रीइंबर्समेंट्स और ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसी चीज़ों पर टैक्स में मिल रही छूट को भी खत्म कर दिया था। मोदी सरकार के इस ऐलान से टैक्सपेयर्स को करीब 5,800 रुपए का लाभ होने लगा था।
मोदी सरकार ने पूर्ण बजट में कर पर 1 प्रतिशत का सेस लगाने की घोषणा की थी और इससे पहले यह सेस 4 प्रतिशत तक पहुंच गया था। इसके अलावा भारतीय सरकार ने एक लाख से अधिक कैपिटल गेंस पर लाभ के साथ 10 प्रतिशत का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगा दिया था।
2019-2020 अंतरिम बजट
मोदी सरकार ने 1 फरवरी 2019 के दिन अंतरिम बजट पेश किया था। सरकार ने अंतरिम बजट में 5 लाख तक के टैक्सपेयर्स को कर मुक्त कर दिया था। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति सालाना 5 लाख रुपए कमाता है, तो उसे टैक्स नहीं देना होगा।
भारतीय सरकार का यह फैसला लोगों को बहुत पसंद आया हैं। वहीं, जो वर्ग 5 लाख से ज्यादा कमाते हैं, उनके लिए सरकार ने टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। मोदी सरकार के इस फैसले से 3 करोड़ टैक्सपेयर्स को करीब 18,500 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।
आपको बेहतर समझाने के लिए हम आपको बता रहे हैं कि आप इस फैसले ऐसे समझ सकते हैं। 80सी समेत 80यू के अंतरगत हर प्रकार की डिडक्शन के बाद जो व्यक्ति ऐनुअल 5 लाख रुपए कमाता है, तो उसे किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होगा।
वहीं, अगर व्यक्ति 5 लाख रुपए से ज्यादा कमाता है, तो उसे कर का भुगतान करना होगा। अंतरिम बजट में कहा गया था कि जो व्यक्ति 6.50 लाख रुपए तक कमाता है और 80सी सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है, तो उसे टैक्स नहीं देना होगा।
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