Budget 2020 Expectations : बजट पर हीरो साइकिल्स ने कहा, साइकिल्स को 5 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में रखे सरकार

Budget 2020 Expectations : बजट पर हीरो साइकिल्स ने कहा, साइकिल्स को 5 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में रखे सरकार
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Budget 2020 Expectations :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने करियर का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट पर सबकी निगाह लगी हुई है। इसी बीच हीरो साइकिल्स ने कहा है कि सरकार साइकिल्स पर लगे 12 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी वाले स्लैब में डाले।

Budget 2020 Expectations :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने करियर का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट जारी की जाएगी। एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट और रेल बजट का 2017 में विलय हो चुका है। रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा 1924 से शुरू हुई थी।


आरके शनमुखम चेट्टी आजाद भारत के पहले वित्तमंत्री थे। जिन्होंने देश का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। बजट को लेकर आम व्यक्ति से खास तक सभी को कुछ न कुछ उम्मीद जरूर रहती है। बजट में किसी का बजट बिगड जाता है, तो किसी को इससे फायदा होता है। आइए जाने इस बजट को लेकर अग्रणी साइकिल निर्माता हीरो साइकिल्स ने सरकार से क्या उम्मीद लगा रखी है।


आइए जानें इस बजट को लेकर हीरो साइकिल्स की क्या उम्मीदें हैं-

-हीरो साइकिल्स ने सरकार से बजट में साइकिल पर टैक्स घटाने की मांग की है।

- कंपनी ने साइकिल पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का आग्रह किया है।

-कंपनी का कहना है कि साइकिल पर टैक्स कम होने से ग्रामीण इलाकों में साइकिल की मांग बढ़ेगी।

- कंपनी ने इलेक्ट्रिक साइकिलों के लिए फेम-2 योजना के तहत मिलने वाले लाभों के विस्तार की भी मांग की है।

-हीरो मोटर्स कंपनी के अध्यक्ष पंकज एम मुंजाल ने कहा कि साइकिल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर निम्न आय वर्ग और ग्रामीण आबादी द्वारा किया जाता है। इसलिए जीएसटी को मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर सबसे कम 5 फीसदी वाले स्लैब में लाने की जरूरत है।

- मुंजाल ने कहा साइकिल पर कम जीएसटी से लाखों निम्न आय वाले परिवारों को राहत मिलेगी।

-जिस तरह से सरकार इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा दे रही है उसी तरह हमें उम्मीद है कि सरकार इलेक्ट्रिक साइकिल को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएगी।

-इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल से प्रदूषण घटेगा वहीं, साइकिल का चलन बढ़ने से प्रदूषण के साथ ट्रैफिक की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

-इलेक्ट्रिक साइकिल इको-फ्रेंडली (पर्यावरण अनुकूल) और कम जगह घेरती हैं।

- साइकिलों की चार्जिंग के लिए बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर भी खड़ा करने की जरूरत नहीं है। बैटरी डिस्चार्ज होने की स्थिति में लोग इसे आसानी से कुछ दूर तक सफर कर सकते हैं।

-मुंजाल ने कहा कि अगर सरकार इलेक्ट्रिक साइकिलों को भी फेम-2 के दायरे में लाती है तो कंपनियां ई-साइकिल बनाने पर फोकस बढ़ाएंगी।

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