Budget 2020 : Union Budget से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जो हर नागरिक के लिए जरूरी हैं

Budget 2020 : देशभर के लोगों की नजर बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हुई है। शनिवार 01 फरवरी को सुबह 11 बजे भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट में क्या खास होगा। इस पर सबकी निगाहें लगी हुई है। पिछले साल यानी 2019-20 के लिए 27 लाख 86 हजार 349 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था, जो 2018-19 के बजट से 13.4% ज्यादा था। इस बार के बजट में जनता को क्या मिलेगा यह देखने लायक होगा। सरकार हर साल अपना बजट (Budget) बनाती पेश करती है। Union Budget में सरकार की आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब होता है। आइए जानें बजट से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें जो शायद आप न जानते हो।
-भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में Union Budget का उल्लेख वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में है। Union Budget में सरकार की आमदनी और प्रस्तावित योजनाओं पर होने वाले खर्च का भी विवरण होता है।
-Union Budget को लागू करने से पहले उसे संसद के दोनों सदन (लोक सभा और राज्य सभा) में पारित करवाना जरूरी है।
-बजट (Budget) शब्द लैटिन शब्द बुल्गा से लिया गया है। बुल्गा का अर्थ होता है चमड़े का थैला। इसके बाद यह शब्द फ्रांस की भाषा में बोऊगेट बना। इसके बाद थोड़े से अपभ्रंश के बाद अंग्रेजी में यह शब्द बोगेट या बोजेट बना। बाद में यही शब्द बजट बन गया।
- भारत में बजट (Union Budget) की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। भारत में पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया था। जेम्स विल्सन को भारतीय बजट (Budget) व्यवस्था का जनक भी कहा जाता है।
-भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्त वर्ष की शुरुआत 1867 में हुई थी। इससे पहले तक 1 मई से 30 अप्रैल तक वित्त वर्ष होता था।
-स्वतंत्र भारत का पहला बजट (Budget) वित्त मंत्री आर के शणमुखम चेट्टीु ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया। गणतंत्र भारत का पहला बजट (Budget) 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया।
-चेट्टी ने 1948-49 के बजट (Budget) में पहली बार अंतरिम (Interim) शब्द का प्रयोग किया। इसके बाद ही छोटी अवधि के बजट के लिए 'अंतरिम'(Interim) शब्द का प्रयोग शुरू हुआ।
- बजट (Budget) पेपर पहले राष्ट्रपति भवन में ही छापे जाते थे। लेकिन साल 1950 में Budget पेपर लीक हो जाने के बाद से इन्हें दिल्ली के मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगा। साल 1980 से बजट (Budget)पेपर नॉर्थ ब्लॉक से प्रिंट होने लगे।
-शुरुआत में बजट (Budget)अंग्रेजी में बनाया जाता था। लेकिन साल 1955-56 से बजट (Budget)दस्तावेज हिन्दी में भी तैयार किए जाने लगे।
-साल 1955-56 में बजट (Budget) में पहली बार कालाधन उजागर करने की योजना शुरू की थी।
- बजट (Budget)छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है। हलवा खाने की इस रस्म के बाद बजट (Budget) पेश होने तक वित्त मंत्रालय के अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते। इस दौरान वे अपने परिवार से भी दूर रहते हैं। वे इस दौरान वित्त मंत्रालय में ही ठहरते हैं। बजट (Budget) की गोपनीयता के हिसाब से नॉर्थ ब्लॉक में मोबाइल जैमर लगा होता है।
-साल 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहला बजट (Budget) पेश किया था। इसकी वजह यह थी कि उस समय वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी उनके पास ही थी। Union Budget पेश करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट (Budget) पेश किया था।
- भारत की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 1970 में आम बजट (Union Budget) पेश किया था। उस समय वे देश की प्रधानमंत्री थीं। इंदिरा गांधी भारत के इतिहास में वे इकलौती महिला हैं, जिन्होंने आम बजट (Budget)पेश किया था। लेकिन, निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री हैं।
- देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अब तक सबसे अधिक 10 बार बजट पेश कर चुके है। वे 6 बार वित्त मंत्री और 4 बार उप प्रधानमंत्री रहे। इनमें 2 अंतरिम बजट (Interim Budget) भी शामिल हैं। अपने जन्मदिन पर 2 बार बजट (Budget) पेश करने वाले भी वे देश के एकमात्र वित्त मंत्री रहे।
-देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था जो 4 साल में एक बार आता है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी वित्त मंत्री के रूप में 7 बार बजट पेश कर चुके हैं।
- साल 2000 तक अंग्रेजी परंपरा के हिसाब से बजट (Budget) शाम 5 बजे पेश किया जाता था। साल 2001 में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इस परंपरा को तोड़ दिया। अब सुबह 11 बजे संसद में बजट (Budget)पेश करने की परंपरा शुरू की गयी।
-पहली बार सुबह 11 बजे बजट (Budget) तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था। शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा सर बेसिल ब्लैकेट ने 1924 में की थी।
- साल 2017 से पहले बजट फरवरी महीने के आखिरी कामकाजी दिन पेश किया जाता था। साल 2017 से इसे 1 फरवरी या फरवरी के पहले कामकाजी दिन पेश किया जाने लगा। साल 2017 के बजट (Budget)से ही केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल बजट (Budget) को आम बजट (Budget) को एक ही दिन पेश करने का नियम बना दिया। तब से हर साल रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश किया जाता
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