Budget 2020:इस बजट में LIC को लेकर बड़ा ऐलान, LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

Budget 2020 : वित्त मंत्री निर्मला ने बजट पेश करते हुए आज कई बडे ऐलान किए हैं। इस बजट में सरकार ने कहा कि वह भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपने हिस्से को बेचेगी। वित्त मंत्री के इस ऐलान के साथ ही विपक्ष की ओर से हंगामा किया गया। आम आदमी को पैसा निवेश करना हो तो वो LIC के जीवन बीमा को एक सुरक्षित ऑप्शन मानता है। सरकार के इस ऐलान से कितने लोग एलआईसी से किनारा करते हैं यह तो समय ही बताएगा। सरकार के भीतरखाने से ऐसी खबरे पिछले वर्ष ही आ रही थी,कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी हिस्सेदारी से हाथ खींच सकती है।
लंबे समय से घाटे में चल रही है LIC
-वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही LIC के लिए अच्छी नहीं रही।
-इस दौरान LIC के कुल एसेट यानी कुल परिसंपत्तियों में 57 हज़ार करोड़ की कमी आई है।
-जून 2019 में खत्म हुई तिमाही में LIC का शेयर पोर्टफोलियो यानी बाजार में हुए निवेश का मूल्यांकन 5.43 लाख करोड़ था। जो अगली तिमाही में घटकर 4.86 लाख करोड़ रह गया था।
-LIC ने जिन बड़ी कंपनियों में निवेश किया है, वो बड़ा घाटा झेल रही हैं। ऊपर से IDBI जैसे NPA से दबे बैंकों में निर्णायक हिस्सेदारी ख़रीदी गई है
-भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC of India ने जब IDBI बैंक को ख़रीदा था तब भी जानकारों ने आपत्ति उठाई थी। कहा था किडूबते बैंक में कौन भला पैसा लगाता है।
RBI की रिपोर्ट के बाद बढ़ी थी आलोचना
RBI ने 2019 में एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें 1988 से 2019 तक LIC की ओर से प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में हुए निवेश के आंकड़े दिए थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक, LIC का निवेश 2014 से 2019 के बीच लगभग दोगुना हो गया है। यानी LIC के 1956 में बनने से लेकर 2013 तक जितना पैसा बाजार में निवेश किया था, लगभग उतना ही निवेश बीते 5 सालों में कर दिया है। 1956 से 2013 तक LIC ने बाजार में 13.48 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। 2014 से 2019 के बीच एलआईसी का कुल निवेश बढ़कर 26.61 लाख करोड़ हो गया है। यानी, 5 सालों में 13.13 लाख करोड़ का निवेश हुआ था।
सरकार के दवाब में डूबती कंपनियों में पैसा लगाती है LIC
अगर LIC को निवेश में घाटा होगा तो लोगों को मिलने वाले रिटर्न में भी कमी आने की आशंका है। LIC देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। जब भी सरकार किसी डूबती या कर्जे से जूझती सरकारी क्षेत्र की कंपनी में पैसा लगाती है तो LIC के पोर्टफॉलियो पर असर पड़ता है। LIC पर बड़ा आरोप लगाया था कि सरकार के दवाब में डूबती कंपनियों में पैसा लगाती है।
LIC को 2019 में जिन शेयरों में इस तिमाही के दौरान जो 57 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था उसमें बड़ा हिस्सा सरकारी क्षेत्र की कंपनियों का है। जैसे SBI, ONGC, कोल इंडिया, NTPC और इंडियन ऑयल। वहीं, ITC, L&T, रिलायंस, ICICI बैंक जैसी प्राइवेट कंपनियों में LIC के निवेश को नुकसान हुआ है।
आज इन्हीं सभी घाटों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मन बनाया।
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