Chandrayaan 2 Landing : जानिए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लैंडिंग के बाद कैसे करेंगे काम

Chandrayaan 2 Landing : जानिए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लैंडिंग के बाद कैसे करेंगे काम
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Chandrayaan 2 Landing Live Streaming चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) आज रात्रि 1.30 से लेकर 2.30 बजे के बीच लैंड करने वाला है, यह मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसके जरिए भारतीय वैज्ञानिक चांद की सतह पर पानी की खोज करेंगे, हम आपको बताएंगे कि कैसे चांद्रयान 2 का विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) काम करेंगे।

Chandrayaan 2 Landing Live Streaming भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो (ISRO) के महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को पूरा होने में सिर्फ चंद घंटे रह गए हैं। चंद्रयान 2 की लैंडिंग के साथ आज भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो कि पहली बार में ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) में लैंडिंग करेगा। इससे पहले यह कारनामा अमेरिका, रूस और चीन कर चुके हैं। इस समय चंद्रयान 2 चांद के समीप पहुंच रहा है। चंद्रयान 2 का लैंडर विक्रम आज मध्य रात्रि चांद की उबड़ खाबड़ सतह पर सॉफ्ट लैंड करेगा। इस प्रक्रिया में 20 से 40 मिनट लग सकते हैं।


चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर सतह पर लैंड करने के बाद चंद्रम से जुड़ी अहम जानकारी हासिल करेगा। वहीं, चंद्रयान 2 रोवर और लैंडर की मदद से भारतीय वैज्ञानिकों तक चंद्रमा की तस्वीरें पहुंचाएगा और साथ ही सतह पर पानी की कंणों की जांच करेगा। इसरो चंद्रयान 2 मिशन पर बीते कई वर्षों से लगातार काम कर रहा है। इस यान का जीएसएलवी एमके III लॉन्च व्हीकल की सहायता से अंतरिक्ष में भेजा गया था। अब अनुमान लगाएं जा रहे हैं कि चंद्रयान 2 चांद की सतह पर रात 1.30 से लेकर 2.30 बजे उतरेगा। हम आपको बताएंगे चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान कहां लैंड करेंगे और कैसे काम करेंगे। तो चलिए जानते हैं विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के बारे में........

चंद्रयान 2 की वीडियो में देखें कैसे करेगा काम (Chandrayaan 2 Video)


चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कहां करेंगे लैंड (Chandrayaan 2 Vikram lander and Pragyan rover Where they land)

भारत चंद्रयान 2 मिशन के माध्यम से चांद की रहस्यमय जानकारी का खुलासा करने की कोशिश करेगा। इसके अलावा भारतीय वैज्ञानिक चंद्रमा पर पानी की खोज के साथ दक्षिण ध्रुव की डार्क साइड की जांच करेंगे। इससे पहले अमेरिका और रूस चंद्रमा के साउथ पोल पर अपने अंतरिक्ष यान को लैंड करवा चुके हैं।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान मिशन 2 को लेकर कहा है कि हम इससे पहले चंद्रमा की साउथ पोल में नहीं गए हैं। इससे पहले हमने चंद्रयान 1 को भेजा था, लेकिन वे लैंडिंग के वक्त क्रेश हो गया था। इसरो ने आगे कहा है कि तब चंद्रयान 1 चांद की सतह पर पानी की खोज नहीं कर सकता था। लेकिन अब हम चंद्रयान 2 के जरिए चांद पर पानी की कणों की खोज करेंगे।

चंद्रयान 2 की पीडीएफ (Chandrayaan 2 PDF)


चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का लक्ष्य (Chandrayaan 2 Vikram lander and Pragyan rover Objectives)

1. 2009 में इसरो ने चंद्रयान 1 के जरिए चांद की सतह पर पानी की जानकारी जुटाई थी। तब यह माना गया था कि भविष्य में चंद्रमा का दक्षिण ध्रुव इंसानों के रहने के लिए उप्युक्त माना था। पानी की मौजूदगी के कारण ही दुनिया के अधिकतर देशों ने चांद की इस सतह पर जाने की कोशिश करते रहे हैं। लेकिन कई दिक्कतों की वजह से लूनर सतह की पूरी तरह से जांच नहीं हो पाई है।

2. इसरो के मुताबिक, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दक्षिण ध्रुव से लगभग 600 किमी की दूरी पर है। इसरो इन दोनों उपकरणों के जरिए क्रेटर्स मंज़िनस सी और सिंपेलियस एन के बीच की जांक करेगा। इस इलाके में बहुत अंधेरा है, क्योंकि इसपर सूर्य की छाया रहती है। लैंडिंग के बाद चंद्रयान 2 को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही अधिक तापमान की वजह से चंद्रयान 2 को बहुत नुकसान हो सकता है।


3. यदि प्रज्ञान सही तरीके से लैंड करता है, तो वे चांद की सतह पर पानी के साथ सौर प्रणाली के शुरुआती दिनों के जीवाश्म की खोज भी करेगा। वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद की यह सतह सोलर रेडिएशन से प्रभावित नहीं है।

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