Chandrayaan 2 : इन पांच कारणों से रुका चंद्रयान 2

Chandrayaan 2 : इन पांच कारणों से रुका चंद्रयान 2
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) आज चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) को लॉन्च करने वाला था, लेकिन तकनीकी कारण की वजह से कार्य को रोक दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तापमान 10 ड्रिग्री से कम होता है उस वक्त रॉकेट लॉन्च नहीं किया जा सकता।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो (ISRO) को आज अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) का प्रक्षेपण किया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से लॉन्चिंग प्रक्रिया को रोका गया है। चंद्रयान 2 मिशन (Chandrayaan 2 Mission) को ठीक लॉन्चिंग समय से एक घंटे पहले ही रद्द कर दिया है। यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि चंद्रयान चांद पर 6 सितंबर से लेकर 7 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा। इसरो ने अब तक चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान जल्द ही कर सकता है।

चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग को देखने के लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में हजारों लोगों के साथ लाखों लोग इस इवेंट को लाइव देख रहे थे, लेकिन लॉन्च से पहले ही इसको रोक दिया गया था। इससे लोगों के बीच हताशा देखने को मिली है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी रॉकेट को लॉन्च से ठीक पहले रोका गया है। रॉकेट के लॉन्च से पहले रोका जाना आम बात है, ऐसा इसलिए होता क्योंकि इसमें तकनीकी परेशानी आ जाती हैं। वैसे तो लॉन्चिंग को रद्द करने के कई सारे कारण हैं। वहीं, रॉकेट ऐसे वाहन जो बहुत महंगे और आधुनिक हैं, जिस वजह से उसे सावधानी के साथ लॉन्च किया जाता है।

आज हम आपको चंद्रयान 2 के रद्द होने को लेकर पांच कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में......

खाराब मौसम

रॉकेट लॉन्च के समय अगर मौसम खराब हो जाता है, तो लॉन्चिंग में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रॉकेट के भारी वजन और तेज रफ्तार होने के कारण एटमॉस्फियर से बाहर भेजना कोई आसान कार्य नहीं है।





जीएसएलवी एमके III जैसे भारी भरकम रॉकेट को चंद्रयान 2 के साथ पृथ्वी के बाहर भेजना मुश्किल काम है और खराब मौसम के चलते इसमें आग भी लग सकती है। क्योंकि यह रॉकेट जलनशील पर्दाथ को लेकर उड़ता है, तो इसलिए वैज्ञानिक क्लाउडी मौसम में लॉन्चिंग कार्य को करने से कतराते हैं।

तेज हवा

तेज हवाएं रॉकेट लॉन्च के कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं। वहीं, तेज हवाओं के कारण रॉकेट अपनी दिशा से भटक जाता है और इसको बहुत नुकसान भी पहुंच सकता है। वहीं, ये तेज हवाएं रॉकेट को निर्धारित दिशा से अलग कर देती है।




कम तापमान

कम तापमान भी रॉकेट लॉन्चिंग इवेंट को रद्द करने के लिए एक मुख्य कारण है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर तापमान 10 ड्रिग्री से कम है, तो रॉकेट को लॉन्च नहीं किया जाना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो इससे रॉकेट को बहुत नुकसान हो सकता है।




तकनीकी दिक्कत

तकनीकी दिक्कत ने भी चंद्रयान 2 के लॉन्च को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। जैसा कि हमने ऊपर बताया था कि रॉकेट महंगे और आधुनिक होते हैं और उन्हें लॉन्च करने के लिए छोटी-छोटी मशीन की मदद ली जाती है। अगर किसी कारणवश किसी मशीन में तकनीकी दिक्कत आती है, तो उसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। नहीं तो इससे रॉकेट को बहुत नुकसान हो सकता है।




यह तकनीकी दिक्कत चंद्रयान 2 के लॉन्च में भी आई है, जिसको समय रहते जांच लिया गया है। इस वजह से ही यान की लॉन्चिंग को रोका गया है। वहीं, इसरो के वैज्ञानिक इस परेशानी को ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं।

मिसिंग लॉन्च विंडो

कई बार ऐसा होता है कि लॉन्च के समय रॉकेट में लॉन्चिंग विंडो नहीं होती हैं, जिसकी वजह से वैज्ञानिक इसको रद्द कर देते हैं। यह भी माना जा रहा है कि चंद्रयान 2 को लॉन्च करने के समय पर शायद विंडो मौजूद नहीं होंगी, जिसकी वजह से इस इवेंट को रोक दिया है।




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