Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन के बीच ढाई करोड़ लोगों के बंद हुए मोबाइल फोन, 31 तक रहा बंद तो 4 करोड़ पहुंच जाएगी संख्या

कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया है। ऐसे में घरों में बंद ज्यादातर लोग मोबाइल फोन (Mobile Phone) के ही सहारे अपना समय बिता रहे हैं। इसबीच ही (ICEA) आईसीईए ने चौंकाने वाले आकडें पेश कर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जल्द से जल्द मोबाइल फोन से जुड़ी दुकानों और उद्योगों को खोलने की गुहार लगाई है। इसकी वजह में उन्होंने दावा किया है कि लॉकडाउन के बीच ढाई करोड़ लोगों के मोबाइल काम नहीं कर रहे हैं, अगर यह लॉकडाउन 31 मई तक भी बढता है तो इनकी संख्या 4 करोड़ हो जाएगी। यानि 4 करोड लोगों के मोबाइल फोन या तो टूट कर या किसी अन्य तकनीकी वजह से बंद हो जाएंगे। इसकी वजह मोबाइल फोन दुकानों से लेकर (Mobile Phone Repairing) मोबाइल फोन रिपेयरिंग सेंटरों का न खुलना बताया है।
दरअसल, आईसीईए के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि उन्होंने (PM Narendera Modi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार में कई लोगों से संपर्क कर मोबाइल फोन को अनिवार्य वस्तु और सेवा के दायरे में लाने को कहा है। यह क्यों जरूरी है। इसके लिए उन्होंने एक रिपोर्ट भी पेश की है। जिसमें दावा किया गया है कि लॉकडाउन के बीच ढाई करोड़ लोगों के मोबाइल हेडसेट बंद हो गये है। इसकी वजह यह या तो टूट गये है या फिर किसी अन्य टेक्निकल दिक्कत की वजह से खराब हो गये है। वहीं (Mobile Shop) मोबाइल शॉप से लेकर रिपेयरिंग सेंटरों को बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से लोग न तो नया मोबाइल ले सकते हैं और न ही इन्हें ठीक करवा सकते हैं। अगर 31 मई तक लॉकडाउन बढाया जाता है तो न चलने वाले (Mobile Phone) मोबाइल फोन की संख्या ढाई करोड़ से बढकर 4 करोड़ हो जाएगी। इसी को देखते हुए जल्द से जल्द देश में मोबाइल फोन की (Online Sale) ऑनलाइन बिक्री खोलने की मांग की है।
85 करोड़ लोग देश में करते है मोबाइल का इस्तेमाल, हर महीने ढाई करोड़ मोबाइल फोन की होती बिक्री
आईसीईए ने दावा किया कि हर महीने करीब ढाई करोड़ नए मोबाइल फोन की बिक्री होती है। जबकि देश में 85 करोड़ लोग (Mobile Phone) मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। इनमें मुख्य रूप से एपल, फॉक्सकॉन और शियोमी जैसे प्रमुख हैंडसेट विनिर्माता (ICEA Member) आईसीईए के सदस्य हैं। आईसीईए ने कहा कि इस ढाई करोड़ में से बड़ी संख्या पुराने फोन के स्थान पर नए फोन लेने वालों या बेहतर फीचर वाला मोबाइल फोन लेने वालों की होती है। वहीं, करीब 0.25 प्रतिशत लोगों के मोबाइल फोन हर महीने टूट जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दावा है कि 85 करोड़ मोबाइल फोन रखने वालों के आंकड़ों के आधार पर यह साफ है कि लॉकडाउन के बीच करीब ढाई करोड़ लोगों के मोबाइल फोन टूट गये है या फिर खराब हो गये हैं।
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