जानें किसने कहा, सोशल मीडिया साइट फेसबुक को सिगरेट जैसा

जानें किसने कहा, सोशल मीडिया साइट फेसबुक को सिगरेट जैसा
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सोशल मीडिया साइट फेसबुक को लेकर हर दिन कोई न कोई बयान सामने आते रहते हैं, अब फेसबुक को किसी ने सिगरेट जैसा बताया है।

सोशल मीडिया साइट फेसबुक के बिना दुनिया का गुजारा मुश्किल है, कहना गलत नहीं होगा। आज फेसबुक के दुनियाभर में अरबों में यूजर्स है। इतनी सारी आबादी में तो एक पूरा देश बसाया जा सकता है। फेसबुक के इन यूजर्स की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। आज इस टेक्नोलॉजी के जमाने में हर हाथ में स्मार्टफोन है। जाहिर है जहां स्मार्टफोन होगा वहां फेसबुक का होना लाजामी है। वर्तमान में कम पढ़ा-लिखा आदमी भी फेसबुक का इस्तेमाल कर रहा है।

पिछले दिनों अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ ने फेसबुक को लेकर एक बयान दिया था। जिसमे उन्होंने कहा था कि फेसबुक हमारे समाज के लिए सिगरेट जैसा है। फेसबुक को रेगुलेट करने की जरूरत है। मार्क बेनिओफ ने कहा था कि वह निश्चित रूप से अपने प्लेटफॉर्म पर दिए जाने वाले विज्ञापन की सच्चाई नहीं जानते। इस बयान से पहले भी मार्क ने कहा था कि फेसबुक बच्चों को नशे का आदी बना रहा है। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। मार्क बेनिओफ से पहले कमला हैरिस और एलिजाबेथ वारेन जैसे अमेरिकी सीनेटर्स ने भी फेसबुक को तोड़ने की वकालत की है। अमेरिका में करीब 40 राज्य अटॉर्नी जनरल ने फेसबुक के खिलाफ जांच में शामिल होने का फैसला किया है।

कंटेंट की सच्चाई तय करना यूजर्स का काम


पिछले साल वॉशिंगटन के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में अपने एक भाषण में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि दुनियाभर के लोग एक ऐसी दुनिया में रहकर उन चीजों को पोस्ट करना चाहेंगे, जिसे तकनीकी कंपनियां 100 फीसदी सच मानती हैं। उन्होंने कहा कि कंटेंट की सच्चाई तय करना यूजर्स का काम है ना कि टेक्नोलॉजी कंपनी की।

फेसबुक में नकली खातों की भरमार


एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक में नकली खातों की संख्या करीब 25 करोड़ तक हो सकती है। कंपनी ने 2018 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में उसके एमएयू में 11 प्रतिशत नकली या गलत खाते हैं। जबकि 2015 में यह उसके एमएयू का पांच प्रतिशत ही था। दिंसबर 2015 में कंपनी के एमएयू की संख्या 1.59 अरब थी जो दिंसबर 2018 के अंत तक बढ़कर 2.32 अरब हो गई। कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे खातों की पहचान उसकी आंतरिक समीक्षा से की जाती है। कंपनी का कहना है कि नकली खाते, ऐसे खाते हैं जो किसी के प्रमुख खाते के अलावा बनाए जाते हैं।



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