लंबा चला लॉकडाउन तो इस सेक्टर में जा सकती है नौकरियां, बेरोजगार हो जाएंगे हजारों लोग

लंबा चला लॉकडाउन तो इस सेक्टर में जा सकती है नौकरियां, बेरोजगार हो जाएंगे हजारों लोग
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अस्थाई कर्मचारियों व इंटर्न को ज्यादा खतरा। वर्क फ्रॉम देकर कंपनी कम सकती हैं अपना खर्च

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों के लिए लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) को अब बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा। इसका दावा हाल ही में नास्कॉम के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने किया है। दरअसल चंद्र शेखर का मानना है कि अब कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown) लंबा चला तो सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग (IT Industry) में नौकरियों में कटौती हो सकती है। इस सेक्टर में हजारों लोगों की नौकरी जा सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर घर से काम लंबा चल सकता है तो शायद ऐसी नौबत आने से रह जाये। वहीं (Startups) स्टार्टअप्स के लिए दिक्कत आ सकती है। इसकी वजह स्टार्टअप्स कंपनियां उद्यम पूंजीपतियों से मिले फंड से चल रही हैं। ऐसे में कटौती होने पर स्टार्टअप्स पर असर पड सकता है।

इंटर्न व अस्थाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती हैं कंपनियां

चंद्रशेखर के अनुसार, इस दौरान जो भी बड़ी कंपनियां नौकरियों की कटौती करती भी हैं, तो वे सबसे पहले अस्थायी या इंटर्न कर्मचारियों (Intern Employees) को हटाएंगीं। साथ ही जब तक कंपनीा बजट स्थायी कर्मचारियों का खर्च सहन कर पाएंगा। तब तक कंपनियां अपने स्थायी व नियमित कर्मचारियों को नहीं हटाएंगी।

वर्क फ्रॉम जारी रख कंपनी कर सकती हैं अपनी बचत

उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। यह लघु अवधि में इसका उद्योग पर नकारात्मक असर होगा, लेकिन भविष्य में यह कार्य संस्कृति में ऐसा बदलाव लाएगा, जो भारत में आईटी कंपनियों ने अभी तक अनुभव नहीं किया है। चंद्रशेखर के अनुसार, भविष्य में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) से कर्मचारी की उत्पादकता, लॉजिस्टिक्स लागत और कार्यालय स्थल की बचत होगी। हालांकि कंपनी अभी इसको लागू कर इस कोरोना वायरस के दौर से अपने खर्चों को कम कर अपना काम चला सकती है।

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