Google Chrome 76 : जानें गूगल क्रोम 76 की खासियत जानकार चौंक जाएंगे

Google Chrome 76 : जानें गूगल क्रोम 76 की खासियत जानकार चौंक जाएंगे
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दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल (Google) 30 जुलाई 2019 को सर्च इंजन गूगल क्रोम (Google Chrome) को बीटा वर्जन में अपग्रेड कर वर्जन गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) को लॉन्च लॉन्च करेगी, जिससे यूजर्स के निजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कंपनी ने गूगल क्रोम 76 में कई खास फीचर्स (Google Chrome 76 Features) दिए हैं, आइये जानते हैं गूगल क्रोम 76 की खासियत के बार में।

दुनिया की दिग्गज सर्च इंजन कंपनी गूगल (Google) अपने यूजर्स को नया तोहफा देने के लिए गूगल अपने सर्च ब्रॉउज़र गूगल क्रोम (Google Chrome) को नए अवतार गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) के साथ अपग्रेड करने जा रही है। टेक कंपनी गूगल (Google) गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) को 30 जुलाई 2019 यानी कल रोल आउट करने वाली है। गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) अपग्रेडेड वर्जन को लेकर कंपनी ने कहा है कि हमने इस वर्जन में यूजर्स के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कई फीचर्स दिए हैं और इसके अलावा कई आकर्षक टूल्स दिए हैं।




इससे पहले गूगल क्रोम 76 को लेकर कई रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें इनकॉग्निटो मोड होने का जिक्र था। वहीं, इस मोड के माध्यम से यूजर्स के डाटा पर नजर रखी जा रही थी। यूजर्स के डाटा की सुरक्षा को लेकर गूगल ने नए क्रोम को पेश किया है। चलिए जानते हैं गूगल क्रोम 76 (Google Chrome 76) से जुड़ी अहम बातों को...

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डिसेबल होगा फ्लैश

गूगल अपने आने गूगल क्रोम 76 में साइट्स के लिए एडोब फ्लैश को बाइ डिफॉल्ट के रूप में देगा। वहीं, गूगल क्रोम के यूजर्स इस फीचर को अपनी मर्जी से इनेबल कर सकते हैं, पर एडोबल फ्लैश का उपयोग सिर्फ क्लिक-टू-प्ले मोड में होगा। वहीं, एडोब फ्लैश क्रोम के यूजर्स को पहले ही चेतावनी देगा कि 2020 के अंत तक यह काम करना बंद कर देगा।

इनकॉग्निटो मोड को ट्रिक से किया जा सकता उपयोग

कई वेबसाइट्स यूजर्स को फाइल सिस्टम एपीआई रिक्वेस्ट सेंड कर इनकॉग्निटो मोड को एक्टिवेट करती थी, लेकिन गूगल क्रोम 76 के नए वर्जन में ऐसा नहीं हो सकेगा। वहीं दूसरी तरफ कई वेबसाइट्स यूजर्स को ब्लॉक कर पेवॉल को आसानी से बाइपास कर डाटा को हैक कर लेती थी, गूगल के नए अपग्रेडेड वर्जन में कोई भी वेबसाइट इस तरह का काम नहीं कर सकेगी।




डार्क मोड

गूगल का नया वर्जन गूगल क्रोम 76 डार्क मोड के साथ लॉन्च होगा। अब डार्क मोड की वजह से वेबसाइट जान सकेंगी कि यूजर ने डार्क मोड ऑन किया है या नहीं। यदि यूजर ने अपने सिस्टम में डार्क मोड को ऑन किया है, तो वेबसाइट अपने कंटेंट को यूजर के सामने डार्क मोड में ही पेश करेगी।

हैक नहीं होगी एस्केप की

इंटरनेट पर करोड़ों यूजर्स हर तरह की साइट पर जाते हैं और आमतौर पर इसके लिए किसी भी प्रकार की एस्केप की जरूरत नहीं होती है। वहीं, कई बार ऐसा होता है कि यूजर गलती से किसी वायरस वाली वेबसाइट पर चले जाते हैं, जिसके बाद वे वेबसाइट यूजर को परेशान करने के लिए लगातार पॉप-अप मैसेज करती है। इस समस्या से बचने के लिए यूजर्स एस्केप की का इस्तेमाल करते है। इस परेशानी पर ध्यान देते हुए गूगल ने आने वाले गूगल क्रोम 76 में इसको फिक्स किया है।




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आपको बता दें कि अधिकतर उपभोक्ता क्रोम ओएस पर अपने नोटिफिकेशन को क्लियर करना पसंद नहीं करते हैं। इस स्थिति को देखते हुए गूगल ने अगामी क्रोम 76 में क्लियर एॉल का बटन दिया है। इस पर प्रेस करते हैं, सारे नोटिफिकेशन डिलीट हो जाएंगे।

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