Google ने पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी को किया याद, डूडल बनाकर किया सम्मानित

Google ने पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी को किया याद, डूडल बनाकर किया सम्मानित
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गूगल (Google) ने आज भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी (Dr. Muthulaxmi Reddi) की 133वीं जयंती पर खास डूडल (Google Doodle) समर्पित किया है। डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सुधार में लगाया था। साथ ही उन्होंने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध के खिलाफ आवाज उठाई थी।

दुनिया की दिग्गज सर्च इंजन कंपनी गूगल (Google) आज भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी (Dr. Muthulaxmi Reddi) के 133वें जन्मदिन पर एक खास डूडल बनाया है। गूगल ने इस डूडल को खास डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी को समर्पित किया है। डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी देश की पहली महिला विधायक के साथ एक शिक्षक, एक सर्जन, एक समाज सुधारक और एक व्यवस्थापक थी। उन्होंने अपने जीवन को लोगों की भलाई में लगा दिया था। साथ ही डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने लिंग भेद समेत महिलाओं के प्रति अत्याचारों को रोकने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए लड़ाई लड़ी थी।




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भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1883 के पुडुकोट्टई में हुई था। वहीं, मुथुलक्ष्मी रेड्डी के आभिभावक उनका विवाह कम उम्र में करवाना चाहते थे लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया और पढ़ाई जारी रखी थी।

डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने अपनी प्रथामिक शिक्षा पूरी की और डॉक्टरी की पढ़ाई मद्रास मेडिकल कॉलेज से की थी। वहीं, मुथुलक्ष्मी भारत में पहली महिला थी, जिन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की थी। कॉलेज के दौरान उनकी मित्रता एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू हुई थी।




डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने राजनिती का रुख किया था। देश की पहली महिला विधायक बनने के बाद डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने सबसे पहले समाज में बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए नियम बनाया था। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी।

इस वजह से कैंसर अस्पताल की हुई थी शुरुआत

डॉ. मुथुलक्ष्मी की बहन को कैंसर था और इसके बाद उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने भारत के चन्नई में सन 1954 में कैंसर इंस्टिट्यूट को बनाने की शुरुआत की थी। वहीं, डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी द्वारा बनाया गया अस्पताल दुनिया के लोकप्रिय अस्पतालों में से एक है। इस अस्पताल में हर वर्ष 80,000 कैंसर से ग्रस्त लोग अपना इलाज करवाने आते हैं।




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आपको बता दें कि सन 1956 में भारत सरकार ने डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी को समाज के कलयाण के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था। वहीं, डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने अपना पूरा जीवन समाज के सुधार में लगा दिया था और उनकी मृत्यु 22 जुलाई सन 1968 को चेन्नई में हुई थी।

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