सुकन्या से लेकर पीपीएफ अकाउंट समेत इन योजनाओं की ब्याज दर में हुई कटौती, सेविंग पर पडेगा असर

सुकन्या से लेकर पीपीएफ अकाउंट समेत इन योजनाओं की ब्याज दर में हुई कटौती, सेविंग पर पडेगा असर
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सरकार ने शुरू की इन 7 योजनाओं की ब्याज दर में की कटौती। अब इतने प्रतिशत मिलेगा ब्याज।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन (Lockdown)कर दिया है। जिसके चलते आर्थिक तौर पर लोगों को काफी समस्या का सामना करना पडा। इसी को देखते हुए सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया। वहीं (RBI) आरबीआई ने 75 प्रतिशत तक नीति गत दरों में कटौती की थी। इसी को देखते हुए सरकार ने पिछले काफी समय से चल रही इन 7 बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कैंची चला दी है। इनमें सरकार द्वारा सबसे ज्यादा ब्याज दर पर रखी गई। योजनायें अभी शामिल है।

जानिए किस योजन पर हुई कितनी कटौती

सरकार की तरफ से (National Saving Certificate Interest) नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की ब्याज दरों में 1.10 फीसदी की कटौती कर दी गई है। इस स्कीम में रुपया लगाने वालों को 6.8 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा। वहीं 5 साल के रिकरिंग डिपोजिट अकाउंट (Deposit Account) पर भी ब्याज दर में बड़ी कटौती की गई है। इस ब्याज दर में सबसे अधिक 1.40 फीसदी की कटौती पर इस अवधि के डिपोजिट में ब्याज दर 5.8 फीसदी की गई है। वहीं (Sukanya yojana) सुकन्या समृद्धि योजना, (Kisan Vikas Patr) किसान विकास पत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट 5 साल के लिए और मंथली इनकम अकाउंट जैसी योजनाओं में कटौती कर दी गई है।

इन योजनाओं पर अब मिलेगा इतना ब्याज

योजनाओं में ब्याज दर में कटौती के बाद सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 प्रतिशत ब्याज, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत ब्याज, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 7.4 प्रतिशत ब्याज, राष्ट्रीय बचत पत्र योजना के तहत 6.8 प्रतिशत ब्याज, किसान विकास पत्र योजना के तहत 6.9 प्रतिशत ब्याज, 5 साल के पोस्ट ऑफिस डिपोजिट पर 6.7 प्रतिशत ब्याज और मंथली इनकम अकाउंट में 6.6 प्रतिशत ब्याज दर दी जाएगी।

रेपो रेट में कटौती की वजह से कम की गई योजनाओं की ब्याज दर

जानकारों की मानें तो सरकार द्वारा चलाई जा रही इन सेविंग योजनाओं की ब्याज दर में कटौती (Reserve Bank of India) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रेपो रेट में भारी कटौती की वजह से की गई है। हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट में 75 आधार अंकों की ऐतिहासिक कटौती की थी। जिसके बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।

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