किसानों को फायदे के लिए सरकार अब इस नियम में करेगी बदलाव, किसान को हो सकेगा भारी मुनाफा

किसानों को फायदे के लिए सरकार अब इस नियम में करेगी बदलाव, किसान को हो सकेगा भारी मुनाफा
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सरकार किसानों के लिए बने इस कानून में जल्द कर सकती है संशोधन। इससे किसानों का बढ़ेगा मुनाफा

कोरोना वायरस और लॉकडाउन का उद्योगपति से लेकर मजदूर और किसान सभी पर प्रभाव पड़ा है। इसी से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के (Relief Fund) राहत पैकेज का ऐलान किया है। इसके साथ ही किसानों (Relief For Farmer's) को राहत देने और उनकी आय बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। इसी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister ) ने किसानों से जरूरी हर मुद्दे को छूने की कोशिश की। इसमें फसल उत्पादन से लेकर जानवरों को होने वाली बीमारियां और डेयरी प्रोडक्शन भी शामिल है। इसके साथ ही किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार किसानों की (Farmers Income) आय में किस तरह से सुधार हो इसके लिए बडे कदम उठा रही है।

किसानों को बुवाई के लिए मिले एश्योरेंस व्यवस्था

जानकारों की मानें तो किसान को बुवाई से पहले ही हर सीजन में एक (Assured Price Return) एश्योर्ड प्राइस रिटर्न की सुविधा से लेकर फूड प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स आदि से इसके लिए एक एश्योरेंस व्यवस्था का कानूनी ढांचा लाया जाएगा। सरकार से इसको लेकर काम कर रही है। इसके लिए कड़े कदम भी उठाने होंगे।

जिंस एक्ट हुआ पुराना, अब एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में संशोधन कर सकती है सरकार

जिस तरह से मध्यम वर्गीय कारोबारियों को बदलने से छोटे व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। अब उसी तरह से सरकार का मानना है कि 1955 में लागू हुए जिंस एक्ट के हिसाब से आज के हाल मेल नहीं खाते हैं। किसान पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करता है, लेकिन इस नियम के चलते उसे अपनी फसल की अच्छी (Best Price) कीमत नहीं मिलती। इसी को देखते हुए अब सरकार ( Essential Commodities Act,1955 ) एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट, 1955 में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इससे (Farmer's) किसान के अनाज, खाद्य ऑयल, आलू, प्याज समेत अन्य सब्जियों को DEREGULATE कर दिया जाएगा यानी सरकार किसान की फसलों से कानूनी शिकंजा ढीला कर देगी ।

सरकार की जगह बाजार के हिसाब से तय होंगी इनकी कीमत

जानकारों के अनुसार, अब तक किसानों की फसल होने पर उस का (Price) रेट सरकार तय करती थी। इससे किसान को कम और अन्य माध्यमों को ज्यादा (Benefits) फायदा होता है। इसी को देखते हुए जल्द ही नियमों में बदलाव कर अब इसकी कीमतों पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहेगा। इन सब के दाम बाजार के हिसाब से तय होंगे। नये एक्ट के तहत किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे। फिर चाहे उसके पास लाइसेंस हो या न हो। अब तक किसान मजबूरन अपनी सब्जियों की फसल को लाइसेंसधारी व्यापारियों को ही बेच सकता है। ऐसे में जब वह किसी ओर को भी बेच सकेगा, तो उसके पास अन्य रास्ते भी खुलेंगे। साथ ही किसान का मनचाहा दाम मिल सकेगा।

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