खुलासा : इस चीज की टेंशन लेते हैं भारतीय युवा, बेरोजगारी भी एक वजह

खुलासा :  इस चीज की टेंशन लेते हैं भारतीय युवा, बेरोजगारी भी एक वजह
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देश में बेरोेजगारी की समस्या को लेकर आए दिन सर्वे आते रहते है। ताजा सर्वे शोध कंपनी आईपीसोस ने जारी किया है।

देश में बेरोेजगारी वर्तमान में एक बहुत बडा मुद्दा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो बेरोजगारी का ग्राफ गिरता हुआ ही नजर आता है। नवंबर 2018 में जारी हुई सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट में एजेेसी ने कहा था कि देश में एक साल में बेरोजगारी दर 70 प्रतिशत बढ़ चुकी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2018 में देश की बेरोजगारी दर 5.67 प्रतिशत हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार 2014 में देश में बेरोजगारी की दर 3.41 फीसदी थी जो अगले तीन सालों में बढ़ते हुए 3.49, 3.51 और 3.52 फीसदी हो गई। आज भी युवा बेरोजगारी को लेकर परेशान है।

शोध कंपनी आईपीसोस के 'दुनिया को क्या चिंतित करती है' विषय पर किये गये सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता तथा जलवायु परिवर्तन अन्य मसले हैं जो देश के नागरिकों को चिंतित करते हैं। देश में बेरोजगारी को लेकर युवा परेशान हैं। एक सर्वे के अनुसार करीब आधे शहरी भारतीय बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। हालांकि 69 प्रतिशत सोचते हैं कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। सर्वे के अनुसार दुनिया में निराशावाद के उलट भारत में नीतियों को लेकर लोगों में उम्मीद है।

सर्वे के अनुसार क्या सोचते है लोग

69 प्रतिशत शहरी भारतीय मानते हैं कि देश सही रास्ते पर है। वहीं 61 प्रतिशत वैश्विक नागरिकों का मानना है कि देश गलत दिशा में जा रहा है।

कम-से-कम 46 प्रतिशत शहरी भारतीय बेरोजगारी को लेकर खासे परेशान हैं। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में इसमें 3 प्रतिशत की और वृद्धि हुई है।

वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसे मुददे लोगों को परेशान कर रहे हैं।

गरीबी और सामाजिक असामनता वैश्विक नागरिकों के लिये शीर्ष चिंता का विषय है।

बेरोजगारी, अपराध और हिंसा, वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार तथा स्वास्थ्य का स्थान हैं।

यह सर्वे हर महीने 28 देशों में ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। बेरोजगारी को लेकर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि किसी भी अच्छी अर्थव्यवस्था में चार फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी ठीक नहीं होती है।

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