Make in India Project PDF : भारत में पांच साल में आठ गुना बढ़ा मोबाइलों का उत्पादन, सोलह गुना बढ़ा निर्यात

Make in India Project PDF प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) के सत्ता संभालने के बाद 2014 में मेक इन इंडिया (Make In India) पर जोर दिया था। जिसका बड़ा असर अब इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (Electronic Goods) के उत्पादन पर देखने को मिला है। मोबाइल के घरेलू उत्पादन (Domestic Production of Mobiles) के कारोबार में पिछले पांच सालों में करीब आठ गुना की बढ़ोतरी हुई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) की तरफ से 2018-19 में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है। 2014 से लेकर 2018 तक पांच सालों की रिपोर्ट जारी की गई है। आंकड़ों के मुताबिक 2014 में मेक इन इंडिया से पहले मोबाइल फोन का उत्पादन 3.1 बिलियन डालर का था जो कि 2018 में बढ़कर 24.3 बिलियन डॉलर का हो गया है।
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी 2016-17 के बीच हुई है। 2016 में जहां 13.4 बिलियन डॉलर का उत्पादन हुआ। 2017 में यह 7 बिलियन डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 20.5 बिलियन डॉलर पहुंच गया है।The #RBIAnnualReport released yesterday also reaffirms that Mobile phones are indeed turning out to be a #MakeInIndia success story with 8x rise in prodn in just 4 years @NileshShah68 @CafeEconomics @TheJaggi @ProsaicView @RajeevDubeyMM pic.twitter.com/kDTI2aKcmj
The #RBIAnnualReport released yesterday also reaffirms that Mobile phones are indeed turning out to be a #MakeInIndia success story with 8x rise in prodn in just 4 years @NileshShah68 @CafeEconomics @TheJaggi @ProsaicView @RajeevDubeyMM pic.twitter.com/kDTI2aKcmj
मोबाइल फोन का निर्यात बढ़ा, आयात घटा
मेक इन इंडिया के बाद मोबाइल फोन के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। जबकि आयात में भारी कमी आयी है। जिससे साफ है कि मेक इन इंडिया के तहत भारत में बड़ी संख्या में मोबाइल फोन बन रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016 में 13.5 करोड़ मोबाइल यूनिट का आयात किया जाता था। जबकि निर्यात सिर्फ 18 लाख यूनिट ही होती थी। लेकिन 2019 में सिर्फ 1.22 करोड़ मोबाइल यूनिट का ही आयात हो रहा है। यानि की आयात में 12 करोड़ यूनिट से अधिक की कमी आयी है। जबकि निर्यात 1.65 करोड़ यूनिट का हर साल हो रहा है। यानि की डेढ़ करोड़ यूनिट के करीब मोबाइल यूनिटों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का कारोबार
मोबाइल फोन के साथ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के ओवरआल उत्पादन-कारोबार में भी बढ़ोतरी हुई है। देश में 2014 में 31.2 बिलियन डॉलर का उत्पादन होता था। जो कि 2018 में 65.5 बिलियन डॉलर हो गया है। इस संबंध में गुरुग्राम इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के महासचिव दीपक मैनी ने कहा कि मेक इन इंडिया के बाद भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन को लेकर सकारात्मक माहौल तैयार किया गया। जिससे गुरुग्राम, नोएडा सहित पूरे देश भर में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन से जुड़ी कंपनियां आयी हैं।
मोबाइलों के उपकरण बनने में कमी
जहां मोबाइल यूनिटों का उत्पादन बढ़ा हैं। वहीं टेलीफोन-मोबाइल के बनने वाले उपकरणों के उत्पादन में कमी आयी है। क्योंकि पहले उपकरण बनाकर विदेश भेजे जाते थे। वहां पर इन्हें असेंबल किया जाता था।
लेकिन अब मेक इन इंडिया के तहत मोबाइल के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। जहां 2016 में 29.3 फीसदी उपकरण बनते थे। लेकिन अब उत्पादन माइनस में चला गया है। यानि की बाहर से उपकरण आ रहे हैं।
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