Coronavirus: 8 स्थान फिसले देश के सबसे बड़े अमीर अंबानी, कोरोना के प्रकोप से 28 प्रतिशत घट गई संपत्ति

Coronavirus: 8 स्थान फिसले देश के सबसे बड़े अमीर अंबानी, कोरोना के प्रकोप से 28 प्रतिशत घट गई संपत्ति
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देश के दूसरे अमीर उद्योगपति लिस्ट दुनियाभर के अमीर लोगों की लिस्ट से हुए बाहर। इतने लाख करोड रुपये संपत्ति घटी

एशिया में सबसे बडे धनकुबेर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) पर कोरोना का प्रकोप (Coronavirus pandemic) इस कदर लगा कि वह दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट (World Richest Man List 2020) में 8 स्थान फिसलकर 17 वें स्थान पर आ गये है। इसकी वजह उनके (Share Bazaar) शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट के चलते संपत्ति में कमी आना है। हुर्न ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एमडी अमीर शख्सियतों की लिस्ट में आठ स्थान फिसलकर 17वें पायदान पर पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं उनके अलावा देश की और भी कई अमीर शख्सियत का स्थान भी इस लिस्ट में पहले के मुकाबले नीचे आ गया है।

हाल ही में सामने आई Hurun Global Rich List के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL)के चेयरमैन और एमडी की संपत्ति में फरवरी-मार्च के बीच करीब 19 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई। जिसके चलते वह दुनियाभर की अमीर शख्सियतों की लिस्ट में आठ स्थान फिसलकर 17वें पायदान पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी के शेयर बाजारों में 28 प्रतिशत की संपत्ति घटी है। वहीं अंबानी के साथ ही देश की अमीर शख्सियतों में आने वाले गौतम अडाणी, शिव नादर और उदय कोटक की संपत्ति में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट देखें तो अडाणी के नेटवर्थ में 6 अरब डॉलर यानि 37 प्रतिशत और (HCL Technologies Founder) के संस्थापक शिव नादर की संपत्ति में 26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है। इस लिस्ट के अनुसार, तीनों उद्योगपति दुनिया के 100 सबसे अमीर शख्सियतों की सूची से बाहर हो गए हैं। इस लीग में अकेले अंबानी का नाम ही शामिल है।

भारतीय उद्योगपतियों पर कोरोना और रुपये की गिरावट का पडा है बुरा असर

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय उद्योगपतियों की शेयरों में गिरावट की वजह कोरोना वायरस और रुपये का गिरना है। पिछले दो माह में शेयर बाजारों में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। कोविड-19 से जुड़े मौजूदा संकट एवं दुनियाभर में शेयरों की बिकवाली की वजह से (Share Market Falls) शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं डॉलर के सामने रुपये के मूल्य में 5.2 प्रतिशत की कमी के चलते भारत के उद्योगपतियों को झटका लगा है।

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