कल से बढ़ जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, अभी पढ़ें ये खबर

BS6 Fuel: 1 अप्रैल से पूरे देश में एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) पर कंट्रोल करने के लिए वाहनों में बीएस-6 मानकों वाले ईंधन का इस्तेमाल होगा। इसी के साथ 1 अप्रैल से पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम भी बढ़ जाएगे। सरकार ने देशभर में बीएस-6 मानक के पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति शुरू करने के लिए एक अप्रैल 2020 की तारीख तय की हुई है। लेकिन पेट्रोल पंपों पर यह ईंधन 1 मार्च, 2020 से ही मिलना शुरू हो जाएगा। इनकी कीमतों में एक से दो रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बीएस-6 ईधन यूरो मानकों के अनुरूप है। अभी देश में बीएस-4 ईधन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कपंनीइंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil Corporation) आईओसी ने शुक्रवार को कहा कि वह कम कार्बन उत्सर्जन वाले बीएस-6 मानकों के अनुकूल ईंधन की आपूर्ति एक अप्रैल से करने को तैयार है। इससे ईंधन के खुदरा कीमतों में मामूली बढ़ोतरी होगी।
क्या है बीएस-6 ईंधन
बीएस-6 ईंधन यूरो मानकों के अनुरूप है। इसमे सल्फर की मात्रा केवल 10 पीपीएम (पार्ट पर मिलियिन) होगी। जो अभी मौजूदा ईधन में 50 पीपीएम है। इस नए ईधन से एयर पॉल्यूहशन (Air Pollution) पर भी कम होगा। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने कहा कि अपनी रिफाइनरी को उन्नत बनाने के लिये 35,000 करोड़ रुपये निवेश किया है। इसमें से 17,000 करोड़ रुपये अकेले आईओसी ने निवेश किया है। हम इसका ज्यादा बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ने देंगे। इस नई योजना के लिए BPCL ने लगभग 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। HPCL ने कहा था कि वह 26-27 फरवरी से BS-6 ईंधन के साथ तैयार है और यह 1 मार्च से केवल नए ईंधन की बिक्री करेगा।
आइये जानते हैं आखिर बीएस-6 बीएस-4 के मुकाबले क्यो बेहतर बताया जा रहा है। बीएस-6 ईंधन से आखिर क्या फायदे होने वाले हैं
-बीएस-3 और बीएस-4 ईधन में से निकलने वाला धुआं सेहत के लिए हानिकारक है। बीएस-3 के मुकाबले यह बीएस-4 में थोडा कम है। लेकिन बीएस-6 ईधन में धुएं से होने वाली बिमारियों से आप बच सकते हैं। सरकार ने यह फैसला देश को साफ और प्रदूषण मुक्त करने के लिए लिया है।
-जब भी बीएसको अपग्रेड किया जाता है तो प्रदुषण पर काफी हद कमी आती है। बीएस-6 से इसमे काफी हद तक फायदा होगा।
-पेट्रोल की तुलना में डीजल वाहन ज्यादा प्रदूषण करते हैं ऐसे में अब बीएस-6 लागू हाेने से पेट्रोल और डीजल कारों के बीच ज्यादा अंतर नहीं रह जाएगा। इससे डीजल वाहनों से 68 प्रतिशत और पेट्रोल कारों से 25 प्रतिशत तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा।
-सीएसई के अनुसार बीएस-6 ईधन से सल्फर की मात्रा बीएस-4 से 5 गुना तक कम होगी। यह काफी स्वच्छ ईधन है। इसके इस्तेमाल से पुरानी गाड़ियों से फैल रहा प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा।
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