Online Fraud: लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन बैंकिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो खाते से गायब हो जाएंगे रुपये

कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) जारी है। ऐसे में ज्यादातर लोग अपने बैंकिंग से लेकर सभी लेन देन के कार्य ऑनलाइन कर रहे है, लेकिन इस बीच कुछ लोग ठगी के शिकार भी हो गये है। इसी को देखते हुए आरबीआई से लेकर पुलिस और बैंक ने भी लोगों को ठगों से बचने व सतर्क रहने के लिए कहा है। इतना ही नहीं देश के सबसे बडे बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों से इन 6 स्टेप्स को फोलो करने के लिए कहा है।
किसी को भूलकर भी न करें ओटीपी शेयर
पुलिस से लेकर भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को संजग किया है कि वह सोशल मीडिया (Social Media) या किसी माध्यम से आने वाले अनजाने लिंक (Link) पर क्लिक न करें। इसकी वजह ठगों द्वारा आप के खाते सेध लगाई जा सकती है। आज कल ठग ग्राहकों से EMI, पीएम केयर फंड में डोनेश डोनेट और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) नाम पर फर्जी लिंक पर भेजकर क्लिक करा लेते है। इसके बाद वो आपके अकांउट संबंधी जरूरी जानकारी जुटा कर मिनटों में आपका खाता खाली कर सकते हैं।
भूलकर भी न करें ये काम
नौकरी या कैश प्राइज जीतने वाले स्कीम्स के चक्कर में न फंसे। इसकी वजह ये इन लोगों द्वारा ऐसे झासा देकर फोन कॉल, ईमेल या मैसेज के जरिये जानकारी जुटाई जाती है।
ऑनलाइन बैंकिंग का लॉगिन, ट्रांजैक्शन पासवर्ड आदि को टाइम टू टाइम पर बदले।
किसी भी तरह से बैंक के नाम पर आने वाले कॉल, एसएमएस या ईमेल पर ओटीपी, पासवर्ड या पिन की जानकारी न दें। ध्यान रखें किसी भी बैंक द्वारा कभी भी इस तरह की जानकारी एकत्र नहीं की जाती है।
बैंक का फोन नंबर, पता या अन्य कोई जानकारी गूगल पर सर्च न करें। बैंक संबंधी कोई भी जानकारी एसबीआई से लेकर अपने बैंकों आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही लें।
अगर आपके साथ किसी भी तरह का बैंकिंग फ्रॉड होता है तो इसे छुपाने की जगह तुरंत अपने बैंक को फोन कर खाते को ब्लॉक कराये। साथ ही इसकी शिकायत पुलिस को दें।
देश में लगातार बढ़ रहे हैं बैंकिंग फ्रॉड के मामले
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल लेनदेन के चलते साल 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये का बैंकिंग फ्रॉड (Banking Fraud) हुआ है। इस अवधि में बैंक फ्रॉड के 6800 से अधिक मामले सामने आये हैं। साल 2017-18 में बैंक फ्रॉड के 5916 मामले सामने आए थे। इनमें 41,167 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई थी।
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