लॉकडाउन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज फार्मेसी कंपनी नेटमड्स को खरीदने की कर रही प्लानिंग

लॉकडाउन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज फार्मेसी कंपनी नेटमड्स को खरीदने की कर रही प्लानिंग
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने किया यह दावा, 130 से 150 मिलियन का निवेश कर सकती है कंपनी

फेसबुक के द्वारा जियो में किये गये निवेश के बाद लॉकडाउन (Lockdown) के बीच तेजी से मुनाफे की तरफ पहुंची रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन (Pharmacy Company Netmeds) फार्मेसी नेटमड्स के ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदकर हिस्सेदारी ले सकती है। जानकारों की मानें तो यह काम रिलायंस अपनी दूसरी कंपनी से कराएगी। इसकी वजह रिलायंस में इसका सीधा एंट्री न करना है। इतना ही नहीं इस कंपनी में कितने करोड रुपये लगाकर हिस्सेदारी ली जाएगी। इसको लेकर भी खुलासा हो चुका है। इतना ही नहीं दोनों कंपनियों में 130 से 150 मिलियन की भारी भरकम रकम के साथ हिस्सेदारी हो सकती है।

दरअसल, फार्मेसी कंपनी नेटमड्स की शुरुआत प्रदीप दाधा ने 2015 में की थी। सन फार्मास्युटिकल्स की डिस्ट्रीब्यूटरशीप लेने वाला सबसे पहला उनका परिवार ही था। इसी के बाद सन (Pharma Company) फार्मा द्वारा इसे अधिग्रहित कर लिया गया। दाधा परिवार ने द नेटमेड्स बैकर्स के साथ हेल्थकेयर, ओरमेड , एमएपीई एडवाइसर, सिसटेमा एशिया फंड और सिंगापुर बेस्ड डाउन पेनाह कंमबोडिया ग्रुप खडा किया।

वहीं रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि हम मीडिया अटकलों और अफवाहों पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं। हमारी कंपनी एक निरंतर आधार पर विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती है। किसी भी घटनाक्रम को सेबी के अनुसार, एक्सचेंजों की सूचि करेगा। आगे कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि डाढा ने मेल का जवाब दिया है। इसमें रिलायंस नेटमड्स के ग्राहकों को जरूरी सामान देगा।

वहीं मीडिया रिपोर्ग्स के अनुसार, नेटमड्स अपने राजस्व का 90 प्रतिशत दवा बनाने में खर्च करता है। यह 1 एमजी, मेडलाइफ और फार्माइजी जैसे अन्य दवा वितरण प्लेटफार्मों के सामान को तैयार करता है। वही मार्केट रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, ई फार्मा उद्योग जिसमें कंसल्टेंसी और डायग्नोस्टिक्स भी शामिल है। इसमें करीब 1 2 बिलियन डॉलर का व्यापार किया है। यह पांच सालों में करीब 16 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की उम्मीद है।

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