अगर आप भी देखते हैं अश्लील वीडियो और फोटो, तो आपका डाटा हो रहा है चोरी

इंटरनेट (Internet) के सस्ते होने के बाद सबसे ज्यादा स्मार्टफोन (Smartphone) का इस्तेमाल किया जाने लगा हैं। अधिकतर लोग अपने फोन पर यूट्यूब वीडियो देखते है, फेसबुक चलाते हैं और व्हाट्सएप पर मैसेजिंग करते हैं। साथ ही लोग गूगल सर्च इंजन पर विभिन्न प्रकार के विषयों पर सर्च करते हैं, जिसमें खाने-पीने, फिटनेस, शिक्षा और धर्म-अध्यात्म शामिल हैं।
वही दूसरी तरफ लोग इस प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री भी देखते हैं, जिसमें वीडियो और फोटो शामिल हैं। जो लोग इस तरह के कॉन्टैंट को देखते हैं अब उनपर नजर रखी जा रही है।
वहीं, जो लोग गूगल क्रोम (Google Chrome) पर इंकॉग्निटो मोड (Ignato Mode) का उपयोग कर अश्लील वीडियो या फोटो देखते हैं और सोचते हैं कि कोई उनपर नजर नहीं रख रहा है। तो उनका सोचना गलत है। गूगल (Google), फेसबुक (Facebook) समेत ओरेकल क्लाउड (Orekel Cloud) ऐसे लोगों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुएं हैं।
कानेर्गी मेलन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि यदि लोग अपने लैपटॉप, कंप्यूटर और स्मार्टफोन पर इंकॉग्निटो मोड एक्टिवेट करने के बाद अश्लील कॉन्टैंट देखते है, तो तभी उनपर नजर बनाई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 93 प्रतिशत वेबपेज ऐसे हैं, जो कि यूजर्स के डाटा को थर्ड पार्टी ग्रुप्स को एक्सिस करने का मौका दे रहे हैं।
22,484 पोर्न वेबसाइट्स की जांच की गई
रिसर्चर्स ने वेबएक्सरे की मदद से करीब 22,484 पोर्न वेबसाइट्स की जांच की है, जिसमें पता चला है कि 230 ऐसी कंपनियां है। जो यूजर्स के डाटा को ट्रैक कर रही हैं। रिसर्चर्स ने कहा है कि दिग्गज कंपनियां इन साइट्स के माध्यम से यूजर्स के डाटा को ट्रैक कर रही है।
वहीं, गूगल ने 74 प्रतिशत साइट्स को ट्रैक करता है, ओरेकेल ने 24 प्रतिशत और फेसबुक 10 प्रतिशत साइट्स को ट्रैक करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की 10 गैर-पोर्न वेबसाइट हैं और अन्य पोर्न साइट्स यूरोप की हैं। ये साइट्स लगातार यूजर्स के डाटा को पूरी तरह से ट्रैक करती हैं।
रिसर्चर्स की टीम ने बनाया फेक प्रोफाइल
रिसर्चर्स की टीम ने एक जैक नाम से फेक प्रोफाइल बनाया है, जो कि पोर्न देखता है। इसके लिए जैक इंकॉग्निटो मोड एक्टिवेट करता है और सोचता है कि उसपर कोई नजर नहीं रख रहा है। वह साइट को सर्च करता है और एक नीति के तहत छोटे से लिंक पर स्क्रॉल करता है। इस लिंक को इस्तेमाल कर जैक सोचता है कि उसकी पर्सनल जानकारी पूरी तर सुरक्षित है। अब वह एक वीडियो पर टैप करता है।
रिसर्चर्स ने कहा है कि जैक को नहीं पता है कि जिन साइट्स पर वह गया था थर्ड पार्टी साइट्स उसकी हर एक हरकत को ट्रैक कर रहे हैं। वहीं, थर्ड पार्टी साइट्स जैक तक पहुंच सकती हैं और उसकी यौन इचाछों का पता लगा सकती है। साथ ही उसके निजी डाटा को लीक या सेल भी कर सकती है।
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