सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी खस्ता, सुविधाओं के नाम पर मरीजों को मिल रही बेबसी

सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी खस्ता, सुविधाओं के नाम पर मरीजों को मिल रही बेबसी
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बिहार के सरकारी अस्पतालों (Government Hospital) में लगातार इमरजेंसी सेवा का हालत खस्ता होता जा रहा है। जहां मरीजों को सुविधा के नाम पर बेबसी मिल रही है।

बिहार के सरकारी अस्पतालों (Government Hospital) में लगातार इमरजेंसी सेवा का हालत खस्ता होता जा रहा है। अभी कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लगातार मामला बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकार दावा कर रही है कि सभी सरकारी अस्पतालों में हर तरह की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

लेकिन पेशेंट को अस्पताल जाने के बाद सुविधा के बजाय बेबस अस्पताल देखने को मिलता है। जहां सरकारी अस्पताल में मामूली इलाज के लिए सुविधाओं की कमी है, तो वहां कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीज की हालत मौत में धकेलने वाली बात होगी।

इमरजेंसी सेवा में मरीजों को कोई सुविधा नहीं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 मार्च को आईजीआईंसी में इमरजेंसी भर्ती हार्ट अटैक के पेशेंट को ऑपरेशन करना था, लेकिन सुविधा न होने के चलते लगातार टाल मटोल किया जा रहा है। इसी तरह पीएमसीएच में एक गरीब बच्चे की डायलिसिस के लिए कई चक्कर काटने पड़े।

इसके बावजूद कोई सुविधा नहीं मिली। इसके चलते लाचार होकर प्राइवेट अस्पताल में डायलिसिस करवाना पड़ा। इसी तरह हादसे के शिकार हुए मासूम बच्चे को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। तीन दिन बीत गए, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं हो पाया।

ऐसा ही हाल गायनो का भी है। डॉक्टर ने गर्भवती महिला को कहा कि उसके बच्चे का पैर उल्टा है। अब तक तीन बार अल्ट्रासाउंड के लिए आ चुकी है, लेकिन अभी तक सुविधा नहीं मिल पाया। यहां तक की मरीज का कहना है कि यहां के ब्लड बैंक में बल्ड उपलब्ध नहीं है।

इसके अलावा यहां सिर्फ जूनियर डॉक्टर ही दिखाई देते है। ये जूनियर डॉक्टर भी कभी- कभाल आकर मरीजों को चेक कर लेते हैं।

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