बिहार में 9 जून को अमित शाह की ऑनलाइन रैली, तेजस्वी ने कहा डिजिटल के बजाय विजिबल करना चाहिए चुनाव प्रचार

बिहार में 9 जून को अमित शाह की ऑनलाइन रैली, तेजस्वी ने कहा डिजिटल के बजाय विजिबल करना चाहिए चुनाव प्रचार
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बिहार में 9 जून को अमित शाह की ऑनलाइन रैली (Rally) शुरू होने जा रही है। जहां फेसबुक और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे।

बिहार में कोरोना के बीच विधानसभा चुनाव प्रचार की सरगर्मी शुरू होने जा रहा है। जहां नेता गण पहले रैली निकालकर लोगों को संबोधित करते थे, वहीं अब की रैली में बदलाव देखने को मिलेगा। इस बार रैली किसी जगह या रोड शो के जरिए नहीं बल्कि ऑनलाइन के जरिए की जाएगी।

दरअसल, आगमी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के मद्देनजर कोरोना के बीच सियासी सत्ता का भी ख्याल रखना है। इसलिए इस बार नेता गण फेसबुक लाइव और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करेंगे।

प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 9 जून को बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार शुरू करने जा रहे हैं। बिहार के लोगों को वर्चुअल रैली के माध्यम से संबोधित करेंगे। इस रैली में, शाह का लक्ष्य लगभग एक लाख लोगों से सीधे बातचीत करना है।

तेजस्वी ने कहा सरकार डिजिटल राशन मुहैया कराने के बजाय डिजिटल रैली में व्यस्त

शाह 9 जून को उत्तर बिहार के लोगों के साथ फेसबुक के माध्यम से लाइव रहेंगे। जबकि दक्षिण बिहार के लोगों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे। पार्टी इसी तरह की दूसरी रैली भी करेगी। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लोगों को संबोधित करेंगे।

इसके अलावा डिजिटल रैलियां होंगी। इस दौरान भी लोगों को फेसबुक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ेंगे। चुनावी रैली शुरू होने से पहले ही पक्ष-विपक्ष में सियासी संग्राम देखने को मिल रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर मजदूरों को लेकर सवाल दाग रहे हैं।

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साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश को गरीब मजदूरों की चिंता से ज्यादा अपनी सत्ता की भूख है। इन गरीबों का राशन मुहैया और रोजगार देने के बजाय रैली का इंतजाम कराने में व्यस्त है। लोग भूख से मर रहे हैं, लेकिन सरकार लोगों के मरने से ज्यादा अपनी झूठी सेवा गिनाने में जुटे हैं।

लोगों को डिजिटल राशन मुहैया कराने में विफल हो रही सरकार डिजिटल रैली के जरिए लोगों को संबोधित करने जा रही है। बीजेपी को डिजिटल नहीं बल्कि विजिबल रैली निकालनी चाहिए। डबल इंजन की सरकार तो संकट में इनविजिबल सरकार बन गई।

उन्होंने बीजेपी पर एक और सवाल दागते हुए कहा कि अगर बीजेपी डिजिटल के जरिए चुनाव अभियान चला सकती है, तो वह गरीबों को डिजिटल के जरिए भोजन मुहैया क्यों नहीं करा रही है?

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