बिहार : प्रशांत किशोर बोले, गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी ने मुझे अपने बेटे के जैसे रखा है। कई मामलों में मैं भी उनको अपने पिता तुल्य ही मानता हूं। उनका मुझे पार्टी में शामिल करने का, पार्टी से निकालने का जो भी फैसला है, उसको मैं सहृदय स्वीकार करता हूं।
भाजपा के साथ बने रहना जरूरी है, मैं उससे सहमत नहीं
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जेडीयू से निष्कासित प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी या कोई भी नेता अगर बिहार के लिए खड़ा होगा तो बिहार की जनता उसके साथ खड़ी होगी। उसके लिए किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है। नीतीश जी या जो लोग ऐसा मानते हैं कि बिहार में जीतते रहने के लिए भाजपा के साथ बने रहना जरूरी है। मैं उससे सहमत नहीं हूं।
15 साल में आप अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 2005 में बिहार की जो स्थिति थी, आज भी दूसरे राज्यों के मुकाबले बिहार की स्थिति वही है। नीतीश जी ने शिक्षा में काम किया- साइकिल बांटी, पोशाक बांटी और बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया लेकिन आप 15 साल में एक अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएं।
मैं शुक्रगुजार हूं कि नीतीश कुमार जी का
मैं 20 फरवरी से 'बात बिहार की' नामक कार्यक्रम शुरू कर रहा हूं। जो बिहार को देश में 10 सर्वश्रेष्ठ राज्यों में से एक बनाने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं होगा। मैं शुक्रगुजार हूं कि नीतीश कुमार जी ने भी ये बात कह दी हैं। अगर ये लागू होंगे तो राजनीति कार्यकर्ता के रूप में हम उसके विरोध में खड़े हैं।
गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते
जेडीयू से निष्कासित प्रशांत किशोर ने कहा की सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि वे गांधी जी, जेपी और लोहिया की बातें नहीं छोड़ सकते हैं। तो ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े होने सही है। लेकिन गांधी जी और नाथूराम गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती है।
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