हरियाणा का डॉक्टर राजधानी में 12वीं के छात्र बना रहा पैथोलोजी जांच रिपोर्ट

हरियाणा का डॉक्टर राजधानी में 12वीं के छात्र बना रहा पैथोलोजी जांच रिपोर्ट
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भोपाल। हरियाणा में रहने वाला डॉक्टर 12वीं के छात्र से राजधानी के करोंद चौराहे पर फर्जी पैथोलोजी लैब चला रहा था। लैब का संचालन करने वाले छात्र का नाम रिजवान है। वह मरीजों की पैथोलाजी जांच की रिपोर्ट डॉ एनडी शर्मा (एमबीबीएस, एमडी पैथोलोजी) के हस्ताक्षर से दे रहा था। डॉक्टर ने चार हजार वेतन पर रिजवान को टेस्टिंग और रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था। वहीं हैरानी की बात तो यह है कि यह लैब दो साल से राजधानी में संचालित हो रही थी जबकि लैब का सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन नहीं था। इसका खुलासा सीएमएचओ की शिकायत के बाद पुलिस जांच में हुआ। पुलिस ने लैब का संचालन करने वाले छात्र रिजवान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जबकि हरियाणा में रहकर लैब का संचालन करने वाले डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

- 20 जनवरी को सीएमएचओ से की शिकायत

सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने एक शिकायत के बाद जांच के लिए निशातपुरा थाना को एक पत्र लिखा था। उसमें बताया गया कि कृषक नगर न्यू जेल रोड करोंद चौराहा में संचालित कृष पैथलैब कम्पलीट हेल्थ सॉल्यूशन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में लैब का लाइसेंस नहीं मिला। लैब का संचालन रिजवान करते मिला। रिजवान के पास भी लैब संचालन से जुड़ा अनुभव, डिग्री नहीं थी। पुलिस ने सीएमएचओ के पत्र की जांच के बाद रिजवान के खिलाफ मामला दर्ज किया।

- सैंपल दूसरे लैब में भेजकर कराता था जांच

जांच में पता चला है कि हरियाणा का रहने वाला कृष यादव उर्फ प्रदीप यादव दो साल पहले लैब खोली थी। लैब को चलाने के लिए कृष यादव ने 11वीं पास छात्र रिजवान को चार हजार रुपए नौकरी पर रखा था। रिजवान इस साल 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। लैब में जो मशीन रखी थी उसे आपरेट करने वाला कोई नहीं था। ऐसे में अधिकतर सैंपल दूसरी लैब में भेजकर टेस्टिंग कराई जाती थी। कुछ जांचे रिजवान भी करता था।

- जांच मशीनें लेकर रफूचक्कर हुआ कृष यादव

दो साल से बिना पंजीयन के लैब का संचालन करने वाला कृष यादव एक महीने पहले ज्यादातर मशीनें हरियाणा लेकर चला गया है। सूत्रों का कहना है कि उसे कार्रवाई होने की जानकारी पहले ही लग गई थी, इसलिए वह सभी मशीनें लेकर फरार हो गया। पुलिस को लैब में सिर्फ जांच के लिए लैब में एनालाइजर, कंप्यूटर एवं प्रिंटर, जांच के लिए उपयोग होने वाले रीएजेंट्स आदि मिले हैं।

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