सात सालों में मिला 37 लाख रुपए का अनुदान, नहीं बनाया टीन शेड

- संचालिका ने नहीं दिया हिसाब, अब पशुपालन विभाग से मांगा रिकार्ड
- मजिस्ट्रियल जांच कर रहे एसडीएम ने संचालिका के बयान किए दर्ज
भोपाल। बसई की गोशाला में मारी गईं सैंकड़ों गायों के संबंध में चल रही मजिस्ट्रेट जांच में सोमवार को एसडीएम बैरसिया आदित्य जैन ने गोशाला संचालिका निर्मला देवी शांडिल्य के बयान दर्ज किए गए। गोशाला को पिछले सात वर्षों में ही लाखों रुपए का अनुदान मिला तो उसमें सही तरीके से टिन शेड क्यों नहीं डाले गए। ठंड में गायों को बचाने के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? ऐसे कई सवालों के जवाब निर्मला शांडिल्य ने एसडीएम को दिए हैं। हालांकि अनुदान का हिसाब नहीं देने पर पशुपालन विभाग से अनुदान का रिकार्ड मांगा गया है।
एसडीएम ने पशुपालन विभाग से जानकारी मांगी है कि बसई की गोशाला को कब कब और कितना अनुदान दिया गया। देने के बाद गायों की दुर्दशा की कभी जांच हुई तो उसका रिकॉर्ड भी विभाग को पेश करना है। गौरतलब है कि बसई की गोसेवा भारती गोशाला में 300 गायों का 20 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। सात वर्ष में करीब 37 लाख अनुदान की जानकारी सामने आई है। जिसका मिलान विभाग के दस्तावेज से होगा। जांच में गोशाला संचालिका के अलावा पशुपालन विभाग, शिकायतकर्ता व अन्य वे लोग जो बयान देना चाहते हैं, उनके बयान लिए जाएंगे।
- कब-कब कराया गायों का इलाज
पशुपालन विभाग के अलावा गोशाला जांच विजिटर रजिस्टर, गायों को कब-कब इलाज के लिए दवा और डॉक्टरों को बुलाया उसके संबंध में रिकॉर्ड, दवा खरीदी तो उसकी जानकारी के अलावा कई और दस्तावेज जो लोग उपलब्ध कराना चाहें, वे मजिस्ट्रेट जांच के लिए दे सकते हैं।
- बयान दर्ज करने के बाद पेश होगी रिपोर्ट
गोशाला संचालिका के बयान दर्ज किए गए हैं। अब पशुपालन विभाग से जानकारी मांगी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते।
आदित्य जैन, एसडीएम बैरसिया
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