एसटीपी सेवा मामले में 63 मून्स सेबी के आदेश को चुनौती देगी

नयी दिल्ली. 63 मून्स टैक्नालाजीज ने शुक्रवार को कहा कि वह कंपनी की स्ट्रेट थ्रू प्रासेसिंग (एसटीपी) सेवाओं के मामले में बाजार नियामक सेबी द्वारा पारित आदेश को चुनौती देगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 63 मून्स उसकी अनुमति के बिना ही एसटीपी सेवाओं की पेशकश कर रही है। बहरहाल, उसने कंपनी को ये सेवायें तीन माह तक जारी रखने की छूट दी है ताकि प्रतिभूति बाजार के भागीदारों के कामकाज में किसी तरह की गड़बड़ी पैदा नहीं हो।
वित्तीय कंपनियों आमतौर पर एसटीपी का इस्तेमाल लेनदेन की प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा करने के लिये सूचनाओं को इलेक्टमनिक तरीके से भेजने के लिये करती हैं। इससे सूचनाओं को फिर से दर्ज करने की आवश्यकता समापत हो जाती है।
बाजार नियामक का निर्देश उसके उस आदेश काहिस्सा है जिसमें उसने 63 मून्स के एसटीपी सेवाओं को जारी रखने के नवीनीकरण आवेदन को खारिज कर दिया। नियामक ने 'उपयुक्त और उचित' मानदंडों के आधार पर यह निर्णय किया।
कंपनी ने सेबी के आदेश पर हैरानी जताते हुये एक वक्तव्य में कहा कि वह इस आदेश को चुनौती देगी। कंपनी के वक्तव्य में कहा गया, ''63 मून्स का न्यायिक व्यवस्था में गहरान विश्वास रहा है और वह उच्च न्याययिक मंच पर उचित कानूनी कार्रवाई के लिये कदम उठायेगी।''
63 मून्स को इससे पहले फाइनेंसियल टैक्नालाजीज (इंडिया) लिमिटेड (एफटीआईएल) के नाम से जाना जाता रहा है। कंपनी ने 25 अप्रैल 2016 को एसटीपीसी सेवा प्रदाता के तौर पर मंजूरी के लिये आवेदन किया था। यह आवेदन 30 जून 2016 से 29 जून 2019 की अवधि के लिये किया गया था।
सेबी के कार्यकारी निदेशक आनंद आर बेवार ने बफहस्पतिवार को 23 पृष्ट के आदेश में कंपनी के 17 अप्रैल 2018 से लेकर 29 जून 2019 की अवधि से संबंधित नवीनीकरण आवेदन को 'उपयुक्त और उचित' मानदंड के आधार पर नकार दिया।
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