शहीद दीपक की पत्नी रेखा सिंह महिलाओं के लिए बनी मिसाल, बनीं लेफ्टिनेंट

Motivational Story: साल 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी (Galvan Valley) में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) हमला कर देती है। जवाबी कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना के 20 जांबाज शहीद हो जाते हैं। उसी हिंसक झड़प (Violent Clash) में शहीद जवानों में नायक दीपक सिंह (Deepak singh) शामिल थे। शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह (Rekha Singh) शनिवार को भारतीय सेना में शामिल हो गईं। इसके साथ ही रेखा सिंह चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पास आउट परेड में शामिल हुईं। उनके चयन से न केवल सैन्य अधिकारी गौरवांन्वित महसूस कर रहे हैं, वहीं परिवार भी खुश है।
पति के शहीद होने के बाद की सेना में जाने का निर्णय
भारतीय सेना का हिस्सा बनने पर लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि मेरे पति के गुजरने के बाद मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया और तैयारी करनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि आज मेरी ट्रेनिंग पूरी हो गई है। मैं आज लेफ्टिनेंट (Lieutenant) बन गई हूं और मुझे भारतीय सेना में शामिल होने की बेहद खुशी है।
महिलाओं के लिए बनी मिसाल
रेखा सिंह मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली है। वह पहले सरकारी स्कूल की टीचर थीं। यह नौकरी छोड़कर उन्होंने अपने पति के सपनों को अपना सपना बना लेती हैं और जमकर मेहनत (Hard Work) करने लगती हैं। दो साल बीत जाने के बाद इन सपनों को उस वक्त पंख लग जाते हैं, जब वो भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट चुनी जाती हैं। इसके साथ ही पहले रेखा सिंह सिरमौर के जवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षिका थीं। पति की शहादत के बाद से ही रेखा को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग- 2 पद में नियुक्ति मिली थी।
रेखा सिंह का कहना है कि लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है और उसी दिशा में कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मेरे साथ चार महिलाएं आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल हुई हैं। अगर कोई भी चाहे महिला हो या पुरुष, कड़ी मेहनत ही लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित कराती है।
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