B.Ed eligibility for Primary Teacher: बिहार शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला, योग्य नहीं होंगे बीएड पास

B.Ed eligibility for Primary Teacher: बिहार में बीपीएससी की ओर से शिक्षक भर्ती परीक्षा आज यानी 7 दिसंबर, 2023 से शुरू हो चुकी है। वहीं, दूसरी तरफ बीएड पास प्राइमरी टीचर्स पर नौकरी जाने का संकट खड़ा हो गया है। बिहार में बीएड की परीक्षा पास कर चुके प्राइमरी टीचर्स के लिए हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने इन टीचर्स को अयोग्य बताया है। हाईकोर्ट ने बीएड पास प्राइमरी टीचर्स को योग्य मानने से इनकार कर दिया है। इस फैसले का कारण लगभग 22 हजार शिक्षकों को नौकरी जाने का डर है।
बता दें कि बिहार में छठे चरण की शिक्षकों की भर्ती 2021 में की गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के बाद पटना हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई, जिसमें बीएड पास उम्मीदवारों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक के भर्ती पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पर राज्य सरकार ने एनसीटीई की ओर से 2018 की एक नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा था कि एऩसीटीई ने बीएड पास उम्मीदवारों को प्राइमरी स्कूलों शिक्षक पद पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। पर अब कोर्ट ने सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया है, जो बीएड पास शिक्षकों के लिए एक बड़ा झटका है।
पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की खंडपीठ ने 6 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्राइमरी टीचर्स के लिए बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) की डिग्री ले चुके उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने कहा कि प्राइमरी एजुकेशन में डिप्लोमा कर चुके उम्मीदवार ही प्राइमरी स्कूल में नौकरी के लिए योग्य माने जाएंगे। पटना हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 141 के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुद को बंधा हुआ बताया है और राज्य सरकार को इस फैसले का पालन करने के लिए कहा है। पटना हाईकोर्ट ने एनसीटीई की ओर से 28 जून, 2018 को जारी नोटिफिकेशन को कानूनी तौर पर गलत बताया गया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्री धारकों की भर्ती नहीं की जाएगी।
नए सिरे से होगी नियुक्ति
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि छठे चरण में क्लास 1 से 5 तक के लिए जिन बीएड पास उम्मीदवारों की भर्ती की गई है, अब उन्हें नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया का पालन करना होगा। कोर्ट ने एनसीटीई की तरफ से साल 2010 में जारी मूल नोटिफिकेशन के अनुसार उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए कहा है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि जिन शिक्षकों के पद खाली हुए हैं उसे कैसे भरा जाए, इस पर भी सरकार फैसला ले। 2021 और 2022 में प्राइमरी शिक्षकों की भर्तियों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि ये कहने की जरूरत नहीं है कि की गई भर्तियों पर फिर से काम करना होगा।
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