बगैर प्री-बोर्ड सीधे मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे विद्यार्थी, जुड़ेगे असाइनमेंट के भी अंक

बगैर प्री-बोर्ड सीधे मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे विद्यार्थी, जुड़ेगे असाइनमेंट के भी अंक
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माध्यमिक शिक्षा मंडल की बाेर्ड परीक्षाएं 15 अप्रैल से शुरू होने वाली हैं। स्कूलों में पढ़ाई पूरी होने और दोबारा शैक्षणिक संस्थानों बंद होने के बाद इन दिनों छात्र घर पर तैयारी कर रहे हैं। शिक्षक ऑनलाइन क्लास के जरिए महत्वपूर्ण सवाल व डाउट क्लियर कर रहे हैं। इस बार कोराेना के कारण ऑफलाइन मोड में प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी नहीं हो पाई हैं ऐसे में छात्रों के लिखने का अभ्यास बहुत कम है। विशेषज्ञ छात्रों को इस ओर विशेष ध्यान देने कह रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की बाेर्ड परीक्षाएं 15 अप्रैल से शुरू होने वाली हैं। स्कूलों में पढ़ाई पूरी होने और दोबारा शैक्षणिक संस्थानों बंद होने के बाद इन दिनों छात्र घर पर तैयारी कर रहे हैं। शिक्षक ऑनलाइन क्लास के जरिए महत्वपूर्ण सवाल व डाउट क्लियर कर रहे हैं। सालभर ऑनलाइन पढ़ाई के बाद ऑफलाइन एग्जाम को लेकर कई छात्रों में भय बना हुआ है। परीक्षा में सिर्फ 20 दिन बचे हुए हैं। चुंकि इस बार कोराेना के कारण ऑफलाइन मोड में प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी नहीं हो पाई हैं ऐसे में छात्रों के लिखने का अभ्यास बहुत कम है। विशेषज्ञ छात्रों को इस ओर विशेष ध्यान देने कह रहे हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करें, तो परीक्षा के समय ज्यादा कठनाई नहीं होगी। प्रतिदिन में 5 से 6 घंटे की पढ़ाई परीक्षा में बेहतर अंक दिला सकती है। बचे हुए 10 दिन में कठिन विषय को समय दें। ताकि परीक्षा के दौरान पढ़ाई का दबाव ना बने। शेष दिन में पहले पेपर की तैयारी करनी चाहिए। कम समय में बेहतर तैयारी के लिए माॅडल पेपर और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र हल किए जा सकते हैं। कोरोना में छात्रों को पढ़ने के लिए अन्य वर्ष से अधिक समय मिला है। ऑनलाइन पढ़ाई के कारण इस बार खुद से अधिक पढ़ाई करनी पड़ी है।

आसान भाषा में समझने का प्रयास करें

परीक्षा का भय छात्रों में बढ़ने लगा है। छात्र मनोचिकित्सक से सलाह ले रहे हैं। एक्सपर्ट डाॅ. वर्षा वरवंडकर का कहना है कि कोरोना में ऑनलाइन पढ़ाई होने से कमजोर छात्र ऑफलाइन परीक्षा के लिए अभी भी मानसिक रूप से तैयार नहीं हुए हैं। कई लोगों ने इस बार नोट्स तैयार नहीं किए हैं। इस वजह से कम समय में पढ़ाई का दबाव बढ़ने लगा है। उनका कहना है कि कमजोर स्टूडेंट्स कठिन विषय के लिए ब्लूप्रिंट के अनुसार पढ़ाई करें। टॉपिक को याद करने की बजाय उसे समझने का प्रयास करें।

गणित को सूत्र के साथ समझें वहीं अंग्रेजी का लिखकर अभ्यास करें। 80 प्रतिशत तैयारी पेपर के पहले पूरी कर लें। बेहतर परिणाम के लिए पहले से बनाई गई समय-सारणी के अनुसार पढ़ाई करनी चाहिए। अंतिम समय में दिमाग पर जोर देने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जरूरी नहीं कि 12 घंटे पढ़ाई करें। अपनी क्षमता अनुसार पढ़ सकते हैं। पढ़ाई को लेकर तनाव ना लें। जो चीजें समझ ना आए उसे अपने शिक्षक से समझने का प्रयास करें।

हिंदी और अंग्रेजी बढ़ाएंगे अंक

बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक में राइटिंग और डायग्राम का महत्व होता है। दानी स्कूल के उपप्राचार्य हितेश दीवान का कहना है कि अर्थशास्त्र के सवाल के जवाब बड़े होते हैं। याद करने में समस्या आ रही होतो उसे अपनी भाषा में समझने का प्रयास करें। समझने के लिए डायग्राम बना सकते हैं। जो स्टूडेंट्स सिलेबस पूरा कर चुके हैं। वे परीक्षा में साफ अक्षरों में लिखने का अभ्यास करें। ऑनलाइन क्लास के कारण तेजी से लिखने अभ्यास छूट गया है।

हिंदी और अंग्रेजी को सरल समझ कर बाद में पढ़ने के लिए ना टालें। इस बार बोनस नहीं मिल रहा है, इसलिए दोनों विषय की अधिक तैयारी करनी चाहिए। यही अंक बढ़ाएंगे। विज्ञान विषय की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स प्रयोग विधि को लिखकर तैयारी करें। विज्ञान में पूरे नंबर प्राप्त करने के लिए डायग्राम सहित उत्तर लिखें। जाे सवाल पूछा गया है उसे पहले ही पैराग्राफ में समझाएं। जो विषय समझ नहीं आए उसे शिक्षक से उसे तुरंत समझ लें। इसके अलावा अभी तक जितना भी पढ़ा जा चुका है उसे रिवाइज करते हुए चलें। इससे परीक्षा के समय टॉपिक याद रहेंगे।

ना हो दोबारा पढ़ने की आवश्यकता

कोरोना के बीच एग्जाम होने से छात्र को पढ़ाई के साथ अपने स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने आवश्यकता है। जेएन पांडेय स्कूल के प्राचार्य मोहन राव सावंत का कहना है, पढ़ाई का अधिक तनाव ना लें। स्वास्थ्य सही नहीं रहेगा तो पढ़ाई सही तरह से नहीं हो पाएगी। परीक्षा में बचे दिन को विषय अनुसार बांटकर तैयारी शुरु कर दें। अंतिम पांच दिन में पहले पेपर का रिवीजन करें। विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी ऐसे करें कि जो वह पढ़ रहे हैं उसे दोबारा पढ़ने की आवश्यकता ना पड़े।

एनसीईआरटी के उदाहरणों से करें गणित की तैयारी

गणित की तैयार के लिए एनसीईआरटी के उदाहरण को अधिक बनाकर देखें। कई बार एग्जाम में सवाल बदलकर पूछते हैं। इसमें विद्यार्थी कंफ्यूज ना हो। परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का एक ही तरीका है, जितना समय बचा है उसका अधिकतर वक्त पढ़ाई में दें। अभी जिस विषय में दिक्कत आ रही हो उसे आसान बनाने का प्रयास करना चाहिए।

इसके अलावा सभी विषय में बराबर समय देते हुए तैयारी करते हुए चलें। पढ़ाई के दौरान केवल ध्यान पढ़ाई में हो। ऑनलाइन क्लास राेज ज्वाइन करें। कमजोर छात्र हिंदी और अंग्रेजी के लगभग 4 से 5 निबंध याद करें। मॉडल पेपर हल करने से परीक्षा की तैयारी की जा सकती है। लेकिन छात्र केवल इस पर निर्भर ना रहें। दूसरे महत्वपूर्ण प्रश्नों को भी प्राथमिकता दें।

लिखकर करें अभ्यास

ऑनलाइन पढ़ाई से छात्र में लिखने की रफ्तार कम हो गई हैं। एक्सपर्ट नागेन्द्र दुबे का कहना है, छात्र विषय की तैयार लिखकर करें। इससे लिखने के अभ्यास के साथ विषय अच्छे से समझ आएगा। मॉडल पेपर निर्धारित समय में बनाने का प्रयास करें। शार्ट नोट्स को पेपर के एक दिन पहले रिवीजन करते हुए पढ़ें। सिलेबस पूरा हो जाने के बाद मॉडल पेपर से तैयारी शुरू करनी चाहिए।

इससे पेपर में पूछे जाने वाले प्रश्नों की जानकारी हो जाती है। इसके अलावा विद्यार्थी रट्टा मारकर याद करने से अच्छा उसे समझ कर पढ़ें। जहां समस्या आती हो वहां डायग्राम के माध्यम से आसान बनाना चाहिए। विद्यार्थी को परीक्षा में बचे दिनों तक केवल पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। इंटरनेट का उपयोग केवल पढ़ाई के लिए करें। इसके अलावा राेज पढ़ाई को लेकर टारगेट बनाएं और दिनभर में उसे पूरा करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।

असाइनमेंट पूर्ण

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मूल्यांकन पद्धति में बदलाव किया है। प्रत्येक विषय में 30 फीसदी अंकों का मूल्यांकन असाइनमेंट के आधार पर किए जाने हैं। सितंबर से फरवरी तक प्रत्येक माह माशिम द्वारा छात्रों को असाइनमेंट दिए गए थे। माशिम द्वारा सभी असाइनमेंट छात्रों को दिए जा चुके हैं। छात्रों को थ्योरी और असाइनमेंट दोनों के अंकों को मिलाकर उत्तीर्ण होना है।

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