Career Advice: इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में है काफी स्कोप, सैलेरी के साथ बढ़ती है पोस्ट

Career Advice: इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में है काफी स्कोप, सैलेरी के साथ बढ़ती है पोस्ट
X
भारत बहुत तेज गति से इकोनॉमिक पावर बनने की दिशा में अग्रसर है। यही वजह है कि इकोनॉमिक्स की फील्ड में आने वाले टाइम में करियर के बेहतरीन अवसर मौजूद होंगे।

भारत बहुत तेज गति से इकोनॉमिक पावर बनने की दिशा में अग्रसर है। यही वजह है कि इकोनॉमिक्स की फील्ड में आने वाले टाइम में करियर के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। अगर आपकी रुचि भी इकोनॉमिक डाटा के एनालिसिस में है तो इस दिशा में कदम आगे बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको अच्छे संस्थान से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन, पीजी या पीएचडी करना होगा। इस बारे में विस्तार से जानिए।

वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में चमकीले करियर अवसर मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि अर्थशास्त्र के मुख्यत: पांच क्षेत्र होते हैं-उत्पादन, वितरण, उपभोग, विनिमय और लोकवित्त। इन सभी क्षेत्रों में करियर के अनेक अवसर हैं। प्रत्येक क्षेत्र का अध्ययन करके जिसमें सबसे अधिक रुचि और आगे बढ़ने की क्षमताएं दिखाई दें, उसे विद्यार्थियों द्वारा करियर का अवसर बनाया जाना चाहिए।

अर्थशास्त्र आंकड़ों, तथ्यों के विश्लेषण तथा प्रस्तुतीकरण से जुड़ा हुआ है, इसलिए अर्थशास्त्र में करियर बनाने के लिए यह ध्यान में रखना होगा कि आंकड़ों का विश्लेषण करने में आप बेहतर हों।

आंकड़ों को इकट्ठा करना, संभालना और उन्हें इस्तेमाल में कैसे लाना है, यह एक कला है, जिसे ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को अच्छी तरह से सीखना होगा।

आपको अर्थशास्त्र में वृहद (मैक्रो) और सूक्ष्म (माइक्रो) के विभिन्न क्षेत्रों जैसे उपभोक्ता, उत्पादक, राष्ट्रीय आय, बचत, निवेश, रोजगार आदि के विभिन्न क्षेत्रों में जो रोजगार संबंधी जरूरतें होती हैं, उन्हें ध्यान में रखना होगा।

यह भी पढ़ेः Career Advice: प्रोफेसर बनने के लिए नेट ही काफी नहीं, पास करना होगा ये भी एग्जाम

एरिया ऑफ वर्क

अर्थशास्त्र में उजला करियर बनाने के लिए किसी भी विद्यार्थी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह सामान्य गणित और सामान्य सांख्यिकी से भली-भांति परिचित हो। अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर कई ऐसे विषय पढ़ाए जाते हैं, जो छात्रों को अलग-अलग करियर की दिशाओं में ले जाते हैं। इनमें लोक अर्थशास्त्र, कृषि अर्थशास्त्र, वित्तीय अर्थशास्त्र, बैंकिंग अर्थशास्त्र जैसे विषय प्रमुख रूप से आते हैं।

अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के उपरांत बैकिंग, वित्त, बीमा, शेयर बाजार और अन्य सार्वजनिक एवं निजी सेक्टर में रोजगार के चमकीले अवसर उत्पन्न हो जाते हैं। इसके साथ ही व्यापार, कारोबार और उद्योग के क्षेत्र में रोजगार-स्वरोजगार के चमकीले अवसर हैं।

वर्तमान समय में बिजनेस पत्रकारिता भी एक चमकता हुआ क्षेत्र है। समाचार पत्रों तथा आर्थिक पत्रिकाओं में व्यापार एवं उद्योग से संबंधित कॉलम एवं विश्लेषण प्रकाशित होते हैं। अत: अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए समाचार पत्रों एवं आर्थिक पत्रिकाओं में बिजनेस पत्रकारिता के रूप में रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं।

बैंकों में अवसर

गौरतलब है कि वर्ष 1991 में नई आर्थिक नीति देश में लागू होने के बाद बैंकों की भूमिका लगातार परिवर्तित हो रही है। पहले सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक धन जमा करने, धन संप्रेषित करने, लोन जैसी सेवाओं तक सीमित बने हुए थे। परंतु अब आम आदमी को बैंकों से जोड़ दिया गया है।

बैंक का कार्यक्षेत्र बीमा पॉलिसीज बेचने और म्युचुअल फंड्स जैसी सेवाओं तक बढ़ गया है। निजी क्षेत्र के बैंक भी सरकारी बैंकों की तरह ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में नई-नई शाखाएं खोल रहे हैं।

यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि देश के अधिकतर सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक अपनी शाखाओं और एटीएम नेटवर्क का बड़े पैमान पर विस्तार कर रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जो विद्यार्थी अर्थशास्त्र में स्नातक होते हैं, उनके लिए बैंकिंग क्षेत्र में चमकीला करियर है। प्रोबेशनरी ऑफिसर तथा बैंक क्लर्क के रूप में करियर निर्माण वेतन और कार्य की प्रकृति दोनों दृष्टिकोणों से प्रतिष्ठापूर्ण है। निश्चित रूप से बैंक में भर्ती अच्छे करियर का अवसर प्रदान करती है। अपने अनुभव और कार्य कौशल से आप शीर्ष प्रबंधन के स्तर तक पहुंच सकते हैं।

यह भी पढ़ेः ट्रायबल स्टडीज करेगा आपका करियर बुलंद, ये है स्कोप...

शेयर मार्केट में अवसर

भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण से आम और खास आदमी के बीच निवेश की प्रवृत्ति का विकास हुआ है। ऐसे में अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए शेयर बाजार अच्छे रोजगार का तेजी से बढ़ता विकल्प है। उल्लेखनीय है कि सामान्य व्यक्ति भी आज शेयर बाजार में विशेष रुचि लेने लगा है।

शेयर बाजार के कायदे-कानून इतने जटिल हैं कि इन्हें आम आदमी के लिए समझ पाना आसान नहीं है, जिसके चलते इन्हें समझने और क्रियान्वित करने के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है।

अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन करने के उपरांत शेयर बाजार से जुड़े रोजगारोन्मुखी कोर्स करके शेयर बाजार के क्षेत्र में शानदार करियर बनाया जा सकता है। शेयर बाजार में बड़े निवेशकों की बढ़ती रुचि के परिणामस्वरूप ही इन बाजारों में रोजगार के अवसरों में भारी इजाफा हुआ है।

गौरतलब है कि शेयर बाजार में केवल शेयर खरीदने-बेचने का माध्यम बनने वाले ब्रोकर ही नहीं होते, बल्कि लगातार बढ़ते बाजार के कारण इसमें विभिन्न प्रकार के रोजगार की बेहतर संभावनाएं भी सामने आई हैं।

आम आदमी की समझ में इंश्योरेंस फंड, रिटायरमेंट फंड और म्युचुअल फंड नहीं आते हैं इसलिए अगर उन्हें शेयर बाजार में निवेश करना है तो तमाम मुद्दों पर सलाह-मशविरे के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है।

इसलिए इस क्षेत्र में कंसल्टेंसी के रूप में सर्वाधिक रोजगार के अवसर हैं। अब ऑनलाइन कारोबार होने के कारण एक जगह बैठे-बैठे देश ही नहीं अपितु दुनिया के किसी भी स्टॉक मार्केट में डीलिंग की जा सकती है।

अन्य जॉब ऑप्शंस

मार्केट एनालिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट या इक्विटी रिसर्चर के तौर पर भी अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए रोजगार के ढ़ेरों अवसर हैं। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की भारी डिमांड रहती है। तमाम इंवेस्टमेंट बैंक, म्यूचुअल फंड कंपनियां, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट,फाइनेंशियल वेबसाइट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म आदि में भी अर्थशास्त्र के जानकारों के लिए भरपूर रोजगार उपलब्ध हैं।

इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट, फाइनेंशियल एनालिस्ट एंड स्पेशलिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंशियल प्लानर्स और ब्रोकर जैसे कार्यों से जुड़कर अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ अच्छी इनकम कर सकते हैं। संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय आर्थिक सेवा एवं सांख्यिकी सेवा परीक्षा अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथा शीर्षस्थ चयन परीक्षा है।

अर्थशास्त्र के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए भारतीय आर्थिक सेवा एवं भारतीय सांख्यिकी सेवा करियर के आकर्षक अवसर प्रदान करती है। इस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इस परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, योजना संबंधी पदों एवं समितियों में सहायक निदेशक, आर्थिक सलाहकार, सांख्यिकी सलाहकार एवं उच्चस्तरीय आर्थिक एवं सांख्यिकी अधिकारी जैसे प्रतिष्ठापूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाता है।

चूंकि भारतीय आर्थिक सेवा एवं भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा अर्थ विशेषज्ञ एवं सांख्यिकीवेत्ता बनाने वाली सुनहरी डगर है, इसलिए इस डगर पर आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को चाहिए कि वे पूरे मनोयोग से इस परीक्षा की तैयारी करें तथा इस परीक्षा में सफल होकर अर्थशास्त्र के क्षेत्र में स्वर्णिम करियर प्राप्त करें। यही नहीं अर्थशास्त्र के क्षेत्र में देश ही नहीं अपितु दुनिया में भी चमकीली करियर संभावनाएं हैं।

ये संभावनाएं दुनिया के आर्थिक संगठनों जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक जैसे संगठनों में भी आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में उपलब्ध रहती हैं। इन चमकीली संभावनाओं को साकार करने के लिए अर्थशास्त्र के साथ-साथ अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान, कंप्यूटर नॉलेज एवं अच्छी कम्युनिकेशन स्किल का होना आवश्यक है।

यह भी पढ़ेंः Career Tips: बेस्ट करियर बनाने के लिए इन स्टेप से करें इंग्लिश की तैयारी

प्रमुख संस्थान

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर

वेबसाइट www,prsu.ac.in

चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी, भिवानी

वेबसाइट - cblu.ac.in

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर

वेबसाइट www.dauniv.ac.in

दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली

वेबसाइट www.dse.du.ac.in

बरकतउल्ला विवि, भोपाल

वेबसाइट www.bubhopal.ac.in

गुरु घासीदास विवि, बिलासपुर

वेबसाइट www.ggu.ac.in

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story