38 केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी किए विज्ञापन

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का देश के कुल 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लंबे वक्त से रिक्त पड़े शिक्षकों के करीब सात हजार पदों को एक साथ भरे जाने का संकल्प फिलहाल पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि आज भी दो विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिनमें कानूनी से लेकर तकनीकी कारणों की वजह से रिक्त पदों को भरने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी है। इसमें हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय और उत्तर-प्रदेश के लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) मुख्य है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का देश के कुल 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लंबे वक्त से रिक्त पड़े शिक्षकों के करीब सात हजार पदों को एक साथ भरे जाने का संकल्प फिलहाल पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि आज भी दो विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिनमें कानूनी से लेकर तकनीकी कारणों की वजह से रिक्त पदों को भरने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी है। इसमें हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय और उत्तर-प्रदेश के लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) मुख्य है।

केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन दोनों विश्वविद्यालयों में से हरियाणा में हाईकोर्ट में इस बाबत एक मामला विचाराधीन होने की वजह से भर्ती प्रक्रिया फिलहाल शुरु नहीं की जा सकी है। लेकिन उनके कुलपति ने मंत्रालय को यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसका आगाज हो जाएगा। दूसरी ओर बीबीएयू में तकनीकी कारणों की वजह से थोड़ी देरी हो रही है। लेकिन अगले 48 घंटों के भीतर वहां भी भर्ती प्रक्रिया शुरु होने की उम्मीद है। बीबीएयू में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 47 है।

सालभर में भरे जाएंगे 75 फीसदी पद

सूत्रों ने यह भी कहा कि उक्त दो को छोड़कर बाकी 38 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की ओर से 6 हजार 213 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। आने वाले करीब दो महीने में सभी रिक्त पदों को भर लिया जाएगा। यह केंद्र सरकार का एक बड़ा कदम है, जिसमें करीब सालभर में केंद्रीय विवि में शिक्षकों के 75 फीसदी रिक्त पद भरे जाएंगे। पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय में रोस्टर सिस्टम को लेकर चल रहे मामले की वजह से इसमें देरी हो रही थी। लेकिन बाद में उसका समाधान हो गया और संसद से आरक्षण संबंधी बिल भी पास हो गया। जिससे पूरे घटनाक्रम ने रफ्तार पकड़ ली।

23 को साफ होगी हरियाणा की तस्वीर

केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि बीते 6 सितंबर को सूबे के उच्च-न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई हुई है। लेकिन उसमें कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है और अब अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 सितंबर की तारीख तय की है। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया को लेकर पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी। आंकड़ों के हिसाब से हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और अस्सिटेंट प्रोफेसर के कुल 180 पद खाली हैं।

दिल्ली, छग, म.प्र. में भर्ती शुरु

दिल्ली, छत्तीसगढ़ और म.प्र. के केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने कुल 2 हजार 534 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किए हैं। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों की संख्या 857 थी। सभी को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। जेएनयू ने भी सभी 368 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े सभी 221 पदों के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है। इसके अलावा मध्य-प्रदेश के डॉ़ हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि ने रिक्त पड़े कुल 200 पदों में से विज्ञापन 136 के लिए निकाला है और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक ने कुल 952 रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया है।

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