छत्तीसगढ हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को फीस जमा करने की दी अनुमति

छत्तीसगढ हाई कोर्ट ने सभी निजी संस्थानों को अपनी फीस लेने के आदेश दे दिये हैं। हाई कोर्ट ने निजी संस्थानो को यह निर्देश दिया है कि कोई भी संस्थान अपनी फीस में वृद्धि न करे। बिना फीस वृद्धि के अपनी ट्यूशन फीस का संग्रह करें। छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने सरकार को विद्यालयों द्वारा ली जा रही फीस के संग्रह का आदेश दे दिया है।
बिलासपुर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने निदेशालय के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश के अनुसार सभी निजी संस्थान अपनी फीस का संग्रह कर सकते हैं। लेकिन किसी भी अभिवावक को फीस को लेकर बाध्य नहीं किया जा सकता है। लोक निदेशक के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
निजी विद्यालयों की कमेठी पक्ष के वकीस आशीष श्रीवास्तव ने कहा था किसी निजी विद्यालयों के पास फीस के अलावा आय का कोई श्रोत नहीं है। शिक्षण निदेशालय के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दे दिया है कि निजी संस्थान अपनी फीसों का संग्रह कर सकते हैं।
अदालत ने शिक्षण संस्थानों को यह भी निर्देश दिया है कि कोरोना की स्थिति सामान्य नहीं होने तक ट्यूशन फीस में किसी प्रकार की बढोतरी न करें। विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन दें। कर्मचारियों के वेतन में किसी प्रकार की कटौती न करें। लाॅकडाउन में दिये गये वेतन को वापस नहीं लिया जायेगा।
शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन शिक्षा देने के उपकरणों की व्यवस्था देने के भी निर्देश दिये हैं। जो माता-पिता फीस देने में असमर्थ है वह संस्था प्रधान से आकर मिले। संस्था प्रधान इसकी छानबीन करेगा। यदि माता-पिता की स्थिति नाजुक है तो फीस के लिए बाध्य न करें। राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को विकसित करने की ओर प्रयास करना होगा।
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