9वीं-10वीं की फीस भरना भूली सरकार, 10 करोड़ बकाया, दो साल से नहीं दी फूटी-कौड़ी

प्रदेश के निजी स्कूलों को आरटीई योजना के 10 करोड़ रुपए देना अब भी बाकी है। शासन द्वारा पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्रों की आरटीई फीस का भुगतान किया जा चुका है लेकिन 9वीं और 10वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्रों की फीस अब तक नहीं दी जा सकी है। निजी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक अध्ययनरत छात्रों के लिए 115 करोड़ रुपए साल के शुरुआत में आवंटित किए गए थे। कई जिलों में दो से पांच सालों तक की आरटीई राशि शेष थी। इस राशि के जरिए उनका भुगतान किया गया लेकिन उच्चतर कक्षाओं के लिए किसी तरह की कोई राशि नहीं दी गई।
गौरतलब है कि आरटीई के अंतर्गत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। निजी स्कूलों में इनके लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित रहती हैं। इस नियम के अंतर्गत पहली कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्रों का पहला बैच शैक्षणिक सत्र 2019-20 में पासआउट हुआ था। आठवीं के पश्चात इन छात्रों के समक्ष स्कूल छोड़ने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसलिए शासन द्वारा तय किया गया था कि आरटीई के तहत प्रवेश प्राप्त छात्रों की 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी।
कुछ स्कूलों में 10वीं तक ही कक्षाएं
बड़ी संख्या में ऐसे निजी स्कूल हैं, जहां पहली से दसवीं कक्षा तक का संचालन हो रहा है। आरटीई के अंतर्गत प्रवेश प्राप्त छात्रों का पहला बैच इस वर्ष 11वीं कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। जिन स्कूलों में सिर्फ दसवीं कक्षा तक ही अध्ययन की सुविधा है, वहां के गरीब छात्रों के लिए अब नए स्कूल खोजने की चुनौती सामने है। दो वर्ष पहले भी इस तरह की स्थिति निर्मित हुई थी। पहले बैच के नवमी प्रवेश के दौरान ऐसे स्कूल, जहां सिर्फ आठवीं कक्षा तक ही अध्ययन की सुविधा थी वहां के छात्रों के लिए दूसरे स्कूल ढूंढे गए थे।
मांगी है बकाया राशि
शैक्षणिक सत्र 2019-20 और 2020-21 के दौरान नवमी और दसवीं में आरटीई के अंतर्गत अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं मिली है। कोरोना के कारण छोटे स्कूलों की हालत अच्छी नहीं है। जल्द फीस देने मांग शासन से की है।
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