Kerala के दिहाड़ीदार मजदूर की बेटी ने नाम किया रोशन, जर्मनी में मिली Researcher की जॉब, पढ़िये इनके बारे में

Motivational Story: अपने पूरे जीवन में एक मेधावी छात्रा (meritorious student) रही ईशामोल शाजी (Ishamol Shaji ) को घर की आर्थिक हालत (Financial Condition) खराब होने के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उनके पिता परिवार के एक मात्र कमाने वाले सदस्य रहे, जो केरल के अलाप्पुझा में दिहाड़ी मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पेट पाल रहे थे। उन्होंने पाई-पाई पैसा बचाकर अपनी बेटी को आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। केवल उनकी नहीं, बल्कि उनकी बेटी की मेहनत भी काबिल-ए-तारीफ है।
अपनी मेहनत से हासिल की scholarship
घर की दयनीय हालत खराब होने के बावजूज ईशामोल ने इसका असर अपने पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया और कड़ी मेहनत से छात्रवृत्ति (scholarship) हासिल कर के अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाती गई। ईशामोल ने बताया कि उन्होंने 11वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के साथ-साथ कॉलेज के दौरान भी छात्रवृत्ति राशि मिली, जिससे उसने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। यह ईशामोल की मेहनत और दृढ निश्चय ही था, जिसने उसे ऊंचाईयों तक पहुंचने में मदद की।
SSLC में प्राप्त किए A+ ग्रेड
2010 में SSLC में A+ अंक और 2012 में केरल राज्य बोर्ड में उच्चतर माध्यमिक में 97.3 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद ईशामोल शाजी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी। 12 वीं के बाद वह आईआईएसईआर एप्टीट्यूड टेस्ट के लिए उपस्थित हुई और त्रिवेंद्रम शाखा (Trivandrum branch) में प्रवेश प्राप्त किया। उन्होंने 2012 से 2017 तक रसायन विज्ञान में एकीकृत बीएस-एमएस (integrated BS-MS in Chemistry) पूरा किया।
Vidyadhan presents a new initiative V-WISTA (Vidyadhan - Women in Science & Technology Association) to promote the study of science and technology amongst female Vidyadhan scholars with our alumni and speaker -Ishamol Shaji & Aishwarya Pawar on 25th february from 5:30pm-6:30pm pic.twitter.com/uQEmuuOvXe
— Vidyadhan (@VidyadhanIndia) February 23, 2022
रिसर्च में दिखी दिलचस्पी
IISER के वर्षों के दौरान ही उन्हें शोध (research) के प्रति अपना दिलचस्पी नजर आई। ईशामोल ने बताया कि आईआईएसईआर ने उसे विज्ञान (Science) में अपनी रुचि को मजबूत करने और विभिन्न इंटर्नशिप (Internship) और मास्टर (Masters) थीसिस कार्य के माध्यम से अपने शोध कौशल (Reserch Skills) में सुधार करने में मदद मिली।
अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति हासिल कर भरी सफलता की उड़ान
स्नातक स्तर (Graduation) की पढ़ाई के बाद वह फरवरी 2018 से दिसंबर 2021 तक अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति (international scholarships) के माध्यम से IEK-12, हेल्महोल्ट्ज़ इंस्टीट्यूट ऑफ मुंस्टर (Helmholtz Institute of Munster), मुंस्टर (Munster), जर्मनी (Germany) में डॉक्टरेट की छात्रा (doctoral student) के रूप में शामिल हुईं।
इन चीजों पर किया रिसर्च
वह लिथियम मेटल बैटरी (lithium metal batteries) के लिए सॉलिड-स्टेट पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट्स (solid-state polymer electrolytes) पर शोध करना चाहती थी। अपने रिसर्च के दौरान उन्होंने लिथियम धातु बैटरी के लिए पर्यावरण के अनुकूल (eco-friendly),कम लागत (low-cost),कार्बनिक विलायक(organic solvent) मुक्त ठोस-राज्य इलेक्ट्रोलाइट्स इन चिजों पर काम किया।
जर्मनी में रहकर अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी कर रही है
अपने डॉक्टरेट अध्ययन के दौरान उन्होंने क्षार-धातु बैटरी (polymer electrolytes for alkali-metal batteries),पोलीमराइज़ेशन तकनीक (polymerization techniques), इलेक्ट्रोकेमिकल सेल लक्षण वर्णन विधियों (electrochemical cell characterization methods) और बैटरी सेल परीक्षण (battery cell testing) के विषयों में चार साल का अनुभव भी प्राप्त किया। वर्तमान के समय में ईशामोल जर्मनी में रहकर अपनी डॉक्टरेट थीसिस और संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने में जुटी है।
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