एलोन मस्क की स्टारलिंक इकाई ने भारत में भर्ती की शुरू की, जानें आवेदन करने का तरीका

अरबपति एलेन मस्क की रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स के सैटेलाइट इंटरनेट डिवीजन स्टारलिंक ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने सहायक कंपनी में शामिल होने के लिए भारत के युवाओं के लिए नौकरी के अवसर खोले हैं। स्पेसएक्स में स्टारलिंक कंट्री डायरेक्टर इंडिया संजय भारद्वाज ने पोस्ट किया कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम अब आधिकारिक तौर पर भारतीय सहायक में शामिल होने के लिए दो रॉकस्टार की तलाश कर रहे हैं। योग्य उम्मीदवार अपना रिज्यूमे भेज सकता है।
उन्होंने पोस्ट में आगे कहा कि ग्रामीण भारत से शुरू होने वाले परिवर्तन को उत्प्रेरित करने के लिए सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करना एक छोटी पहल है। हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे नौकरियों के अवसर भी खुलते जाएंगे। कंपनी को लाइसेंस मिलते ही इसमें और तेजी आएगी।
इस महीने की शुरुआत में, भारत में स्पेसएक्स की स्टारलिंक इकाई ने अपना व्यवसाय पंजीकृत किया, सरकार के पास दायर कंपनी के दस्तावेजों ने दिखाया, क्योंकि यह देश में इंटरनेट सेवाओं को लॉन्च करने के लिए तैयार है।
एक स्थानीय इकाई होने से स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ब्रॉडबैंड और अन्य उपग्रह-आधारित संचार सेवाएं प्रदान करने से पहले सरकार से लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देगी।
यह सैटेलाइट फोन, नेटवर्क उपकरण, वायर्ड और वायरलेस संचार उपकरणों के साथ-साथ डेटा ट्रांसमिशन और रिसेप्शन उपकरण जैसे उपकरणों में भी काम करेगी। सप्ताहांत में लिंक्डइन पर भार्गव द्वारा साझा की गई कंपनी की प्रस्तुति के अनुसार, स्टारलिंक ने अलग से कहा कि वह अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं के माध्यम से भारत में ग्रामीण विकास को उत्प्रेरित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
पदों का विवरण
स्टारलिंक ने भारत में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट पर भर्ती निकाली है। जिसमें उम्मीदवार को मीटिंग कोऑर्डिनेशन, कैलेंडर मैनेजमेंट, अपॉइटमेंट लेना, ट्रैवल शेड्यूल आरेंज करना, कार्यक्रम व्यवस्था करना, एजेंडा तैयार करने जैसी जिम्मेदारियां पूरी करना होगा। इसके अलावा दूसरी पोस्ट पर सभी कानूनी दस्तावेज के साथ-साथ मेल और कस्टमर कॉरसपॉन्डेंस की समय पर डिलीवरी करना, मीटिंग्स एवं सोशल इवेंटस में स्पेसएक्स की प्रतिनिधत्व करना है।
पात्रता मापदंड
इसके लिए उम्मीवदा को एग्जीक्यूटिव लेवल पर 3 साल काम करने का अनुभव होना चाहिए और कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए। कम्युनिकेशन स्किल मजबूत होना चाहिए और समस्याओं को हल करने के बारे में पहल करना आना चाहिए।
एक बार सेवाएं प्रदान करने की अनुमति मिलने के बाद स्टारलिंक के पहले चरण में दिल्ली और आसपास के ग्रामीण जिलों के स्कूलों को 100 डिवाइस मुफ्त में देगी। इसके बाद यह पूरे भारत के 12 ग्रामीण जिलों को लक्षित करेगा।
कंपनी का लक्ष्य दिसंबर 2022 तक भारत में 200,000 स्टारलिंक डिवाइस हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत ग्रामीण जिलों में होंगे, यह प्रस्तुति में कहा गया है। Starlink को पहले ही भारत में अपने उपकरणों के लिए 5,000 से अधिक प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं।
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