IAS Success Story: झुग्गी में रहने वाली Ummul Khair ने 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी के बावजूद पहली पारी में क्रैक किया UPSC, बनी IAS Officer

IAS Success Story: झुग्गी में रहने वाली Ummul Khair ने 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी के बावजूद पहली पारी में क्रैक किया UPSC, बनी IAS Officer
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Success Story: उम्मुल खैर ने छोटी सी उम्र से ही गरीबी को बहुत नजदीक से महसूस किया है। कड़ी मेहनत और लगन के बाद उन्होंने 2017 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर ली थीं। यह वाकई में काबिले तारीफ है। पूरे भारत में 420वीं रैंक प्राप्त करके उम्मुल खैर (Ummul Khair) आईएएस अधिकारी बन गईं.

IAS Success Story of Ummul Khair: उम्मुल खैर ने छोटी सी उम्र से ही गरीबी को बहुत नजदीक से महसूस किया है। क्योंकि उनका बचपन झुग्गियों में बीता है। वे दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में अपने परिवार के साथ एक झुग्गी बस्ती में रहती थीं। उसके पिता एक स्ट्रीट वेंडर थे जो घर खर्च चलाने के लिए कपड़े बेचा करते थे हालांकि उनकी आय कुछ खास नहीं थी। जिस वक्त परिवार का जीवन चल पाना कठिन था। उस वक्त उनके परिवार पर एक और आपदा आ पड़ी। जब दिल्ली सरकार के आदेश के बाद उस झुग्गी को ध्वस्त कर दिया गया। अचानक सिर से यूं छत छिन जाने के बाद पूरे परिवार समेत गुजारा कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, लेकिन किसी तरह उनका परिवार त्रिलोकपुरी इलाके की एक अन्य झुग्गी बस्ती में चला गया। आज आईएएस ऑफिसर उम्मुल खैर की यह सक्सेस स्टोरी आपके अंदर का आत्मविश्वास जगा देगी और आपको अपनी परेशानियां कम लगने लगेंगी।

फ्रैजाइल डिसऑर्डर की थीं शिकार

उम्मुल खैर (Ummul Khair) का जन्म राजस्थान के पाली में हुआ था, लेकिन कहते है न किस्मत कि मार जब पड़ती है तो इंसान हर तरफ से बिखरने लगता है। उम्मुल के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ, वे बचपन से फ्रैजाइल डिसऑर्डर की शिकार थीं। बता दें कि फ्रैजाइल डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है, जिसमे मरीज की हड्डियां कमजोर हो जाती है और आसानी से टूट जाती है। और इसी खतरनाक बीमारी से उम्मुल खैर (Ummul Khair) जूझ रहीं थी जिससे उनके 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी हुई थी।

बीमारी को नहीं बनने दी कमजोरी

अगर आपका हौसला मजबूत है तो बुलंदियों को छुने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। यह बात किसे ही मालुम था कि जो लड़की व्हील चेयर पर है वो एक दिन न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि अपने शहर और राज्य का नाम ऊंचा करेगी। बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का उनका सफर बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा। आईएएस उम्मुल खैर का जीवन संघर्ष हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो छोटी-छोटी मुसीबतों से हारने लगती हैं।

ट्यूशन पढ़ा कर भरती थी स्कूल फीस

खुद फ्रैजाइल डिसऑर्डर का शिकार होने के बावजूद परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने ट्यूशन लेना शुरू कर दिया था। और उसी ट्यूशन फीस से ही वे अपनी स्कूल फीस भरती थीं। उम्मुल खैर (Ummul Khair) ने कक्षा 10 में 91% और कक्षा 12 में 89% प्राप्त किए थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उम्मुल ने जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमए किया और फिर एमफिल/पीएचडी में प्रवेश ले लिया और इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। कड़ी मेहनत और लगन के बाद उन्होंने 2017 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर ली थीं। यह वाकई में काबिले तारीफ है। पूरे भारत में 420वीं रैंक प्राप्त करके उम्मुल खैर (Ummul Khair) आईएएस अधिकारी बन गईं।

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