आईआईटी मद्रास ने यूजी के छात्रों के लिए लाँच किया यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम

आईआईटी मद्रास ने यूजी के छात्रों के लिए यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम शुरू कर दिया है। जिन छात्रों का चयन इस कार्यक्रम में होगा उनको एक महीने का मानदेय देना होगा। चयनित सभी छात्रों को आईआईटी एम संकाय द्वारा अनुसंधान करने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा।
आईआईटी मद्रास ने यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम एमआईटी के द्वारा शुरू किया गया सुपर यूआरओपी कार्यक्रम की तरह शुरू किया है । इसमे स्नातक के छात्र जिन्होने किसी भी संस्थान से तकनीकी विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो या अध्ययनरत हों वे सभी छात्र इस कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम एक साल का है जिसमें एक साल के अन्दर 20 फैलोशिप का आयोजन किया जायेगा। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें अनेक अनुशासनीय कार्यों के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान एक छात्र को एक व्यवसायिक विशेषज्ञ प्रशिक्षित करेगा। इस प्रशिक्षण के दौरान 1979 के प्रशिक्षित और नये छात्र मिलकर शोध कार्यों के लिए प्रशिक्षित किए जायेगे।
आईआईटी मद्रास के निदेशक राममूर्ति हैं। आईआईटी एम संस्थान शोध करने वाले विश्वविद्यालय हैं। यहां विश्व के हितों को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य किया जाता है। शोध का कार्य नियमित रूप से किया जाता है। इन संस्थानों में प्रशिक्षित और फ्रेशर दोनों की मिश्रित शक्ति का उपयोग करते हुए शोध कार्य किया जाता है।
यहां देश-विदेश के छात्र मिलकर कार्य करते हैं। छात्रों को अपने किये शोध कार्य को पत्रिकाओं में प्रकाशित करने का अवसर दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन में विशेष शोध कर्ताओं के सामने नवीन शोध को प्रस्तुत किया जाता है और उनकी समीक्षा की जाती है। छात्रों को कार्य को और बहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
एमआईटी इंजीनियरिंग काॅलेज के डीन प्रोफेसर अनंता चंद्रकसन ने यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम की प्रशंसा की है। यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम में युवाओं को स्नातक की पढाई के साथ-साथ भविष्य में जीवन को सफल बनाने और कठोर अध्ययन के साथ नवीन शोध कार्यों के लिए बढावा दिया जाता है। यंग रिसर्च फैलो कार्यक्रम की औद्योगिक दुनिया में और शिक्षा जगत में काफी प्रशंसा हुई है। इस कार्यक्रम में छात्रों को शोध कार्य करने के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान किये जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए यह प्रशंसनीय कदम है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत के प्रतिभाशाली छात्रों को तकनीकी ज्ञान की शिक्षा दी जायेगी और वे सभी कार्य किये जायेंगे जिससे युवा छात्रों में शोध कार्य के प्रति रुचि जाग्रत होगी। शोध कार्य के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किये जायेंगे।
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