हिंदुस्तान के बच्चों ने पहली बार चीनियों को पछाड़ा, UK ने सबसे ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स को दिया वीजा

UK Students Visa: दुनियाभर में भारतीयों ने अपनी काबलियत से धूम मचा रखा है। भारतीय किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है। भारत से बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए यूके अन्य देशों में जाते हैं। अब तक विदेशों में सबसा बड़ा समूह चीनी विद्यार्थियों का होता है, लेकिन अब भारतीयों ने यहां चीनियों को मात दे दी है। पहली बार यूनाइटेड किंगडम (UK) में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या चीनी छात्रों की तुलना से अधिक हो गई है। यूके होम ऑफिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले वीजा की संख्या में 273 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स, ONS द्वारा एकत्र किए गए यूके के स्टर्डी वीडी के आंकड़ों से पता चला है कि भारतीय छात्रों ने चीनियों से आगे निकल गए हैं और अब यूके में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक है।
यूके में स्टर्डी वीजा आवेदन के लिए, गृह कार्यालय के अनुसार, सितंबर 2022 के अंत तक भारतीयों के लिए कुल 1,27,731 वीजा दिए गए थे। यह जानकारी गृह कार्यालय के आंकड़ों से मिली है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2019 की तुलना में चीनी नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों की संख्या में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पिछले रिकॉर्ड से तुलना में 2 प्रतिशत की गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है, "सितंबर 2022 को समाप्त होने वाले वर्ष में चीनी नागरिकों को दूसरी सबसे आम राष्ट्रीयता वाले प्रायोजित स्टूडेंट वीजा मिला। इसमें मुख्य आवेदकों को 116,476 वीजा दिए गए थे, जो 2019 (119,231) में देखी गई संख्या से 2 प्रतिशत कम है।"
वर्क वीजा में भी भारतीयों का दबदबा
छात्र वीजा के अलावा, यूके ने कुल 56,042 वर्क वीजा को भी मंजूरी दी है। इनमें से 36 प्रतिशत वीजा धारक भारतीय नागरिक हैं। यूके ने जुलाई 2021 में ग्रेजुएट रूट वीज़ा की शुरुआत की थी। इसके तहत छात्रों को अपनी डिग्री पूरी होने पर रहने और काम करने की अनुमति होगी। यूके होम ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम में भी भारतीयों का दबदबा था।
भारतीयों ने अन्य देशों को भी पछाड़ा
कुल मिलाकर, गृह कार्यालय ने यह भी दर्ज किया है कि नाइजीरियाई, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों के वीजा 2019 की तुलना में भारतीय तीन गुना अधिक हैं।
यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम
हाल ही में, यूके के प्रधान मंत्री ऋषि सनक और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम लॉन्च की। इसके तहत 18 से 30 साल की उम्र के भारतीय छात्रों और पेशेवरों को ब्रिटेन में 2 साल तक रहने और काम करने के लिए सालाना 3,000 वीजा तक की मंजूरी दी जाएगी।
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