IIT के छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाएगा MHRD मंत्रालय!

इसी सप्ताह शुक्रवार को राजधानी स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में होने वाली आईआईटी काउंसिल की बैठक कई मायनों में बेहद अहम मानी जा रही है। क्योंकि इसमें पहली बार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से आईआईटी संस्थानों को वित्तीय स्वायत्ता देने के मसले पर भी गंभीरता से विचार किया जा सकता है।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बैठक में आईआईटी के एमटेक पाठ्यक्रम में सुधार को लेकर हालिया गठित की गई एक कमेटी की रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करेंगे और उनके अलावा इसमें सभी आईआईटी संस्थानों के निदेशक, अध्यक्ष और मंत्रालय के उच्च-शिक्षा विभाग से जुड़े हुए आला अधिकारी शिरकत करेंगे।
छात्रों का खर्च उठाएगा मंत्रालय
वित्तीय स्वायत्ता देने की मांग आईआईटी संस्थानों की ओर से यदाकदा कई अवसरों पर मंत्रालय के समक्ष की जाती रही है। जिसे देखते हुए इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इस बार की बैठक के एजेंड़ा बिंदुओं में इसे जगह दी जा सकती है। अगर काउंसिल की बैठक में इसे मंजूरी मिल जाती है तो देश में स्थित कुल 23 आईआईटी संस्थानों में बीटेक और एमटेक पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले कुल करीब एक लाख छात्रों पर फीस के अलावा होने वाले बाकी खर्च का भार मंत्रालय द्वारा उठाया जा सकता है।
आंकड़ों के हिसाब से प्रतिवर्ष आईआईटी संस्थान के एक छात्र पर कुल करीब 6 से 7 लाख रुपए का खर्च आता है। इसमें फीस करीब दो लाख रुपए है। जिसके अलावा बाकी के खर्च का भार संस्थान द्वारा उठाया जाता है। लेकिन वर्तमान विचार के हिसाब से फीस के अतिरिक्त शेष धनराशि की पूर्ति की जिम्मेदारी मंत्रालय द्वारा उठाई जा सकती है। यह रकम मंत्रालय द्वारा डीबीटी के जरिए सीधे छात्रों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जा सकती है।
सिंगल प्रवेश परीक्षा से एमटेक
काउंसिल की बैठक में शामिल किए जाने वाले एक अन्य एजेंड़ा बिंदु में आईआईटी संस्थानों में एमटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक सिंगल प्रवेश परीक्षा के आयोजन के प्रस्ताव को शामिल किया जा सकता है। अभी सभी संस्थान अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं लेते हैं, जिसकी वजह से छात्रों को काफी दिक्कतें होती हैं। साथ ही एमटेक की फीस को वास्तविक खर्च के हिसाब से बढ़ाया जाए, छात्रों के पलायन पर रोक के मुद्दे पर भी चर्चा की संभावना है।
यह तमाम सुझाव एमटेक पाठ्यक्रम में सुधार से जुड़े हुए हैं। जिसके लिए मंत्रालय ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है। आईआईटी हैदराबाद और जम्मू के निदेशक भी इसमें शामिल हैं। यह कमेटी 27 सितंबर से पहले अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। जिसके बाद इन्हें लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पिछड़े वर्गों की फीस माफ
मौजूदा व्यवस्था के हिसाब से आईआईटी संस्थानों में पढ़ने वाले कुल करीब 23.5 हजार एससी, एसटी और शारिरिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की फीस पहले से माफ है। जबकि एक लाख रूपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों की भी फीस माफ है। जबकि पांच लाख रूपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों को फीस में कुछ छूट दी जा रही है।
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