जम्मू-कश्मीर में सूने पड़े शिक्षण संस्थानों के लिए विशेष पैकेज पर एमएचआरडी का मंथन जारी

जम्मू-कश्मीर में सूने पड़े शिक्षण संस्थानों के लिए विशेष पैकेज पर एमएचआरडी का मंथन जारी
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जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटाए जाने के करीब डेढ़ महीने के बाद यह पहला मौका होगा जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के उच्च-शिक्षण संस्थानों की नब्ज टटोलेने के लिए वहां का दौरा करेगा। इसकी शुरुआत अगले सप्ताह से होगी।

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटाए जाने के करीब डेढ़ महीने के बाद यह पहला मौका होगा जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के उच्च-शिक्षण संस्थानों की नब्ज टटोलेने के लिए वहां का दौरा करेगा। इसकी शुरुआत अगले सप्ताह से होगी। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस दौरे की कमान विभाग में जम्मू-कश्मीर कैडर के एक संयुक्त-सचिव स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। इसके अलावा इसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। करीब दो दिनों तक यह लोग कश्मीर में मौजूद तमाम संस्थानों का दौरा कर उनके वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और उसके बाद लौटने पर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगे।

छात्र नदारद

सूत्रों ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा-370 को समाप्त किए जाने के बाद से कश्मीर के श्रीनगर में मौजूद केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसे दो महत्वपूर्ण उच्च-शिक्षण संस्थानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। अभी तक यहां कोई छात्र पढ़ने के लिए नहीं आ रहा है। केवल फैकेल्टी के लोग यानि शिक्षक ही थोड़ा बहुत जोखिम उठाकर रोजाना संस्थानों का रूख कर रहे हैं। इसके पीछे कश्मीर में लंबे वक्त से सक्रिय आतंकवादी संगठनों द्वारा आमजन को रोजमर्रा से जुड़ी हुई किसी भी गतिविधि में भाग लेने से रोकने के लिए जारी की जानी वाली धमकियां और कुछ जगहों पर बने हुए कर्फ्यू जैसे हालात मुख्य वजह माने जा रहे हैं। उक्त दोनों संस्थानों में कुल दो हजार से अधिक छात्र इससे प्रभावित हैं।

अन्य जगहों पर पढ़ेंगे छात्र

मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल कश्मीर में जल्द परिस्थितियां सामान्य होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। ऐसे में यह प्रतिनिधिमंडल संस्थानों के दौरे के वक्त की जाने वाली अपनी चर्चाओं में प्रभावित छात्रों की लगातार बाधित हो रही पढ़ाई को फिर से पटरी पर लाने के लिए उन्हें श्रीनगर से बाहर किसी अन्य संस्थान में अस्थायी तौर पर भेजने के विकल्प पर भी विचार-विमर्श कर सकता है। इसके अलावा उच्च-शिक्षण संस्थानों के विकास के लिए भविष्य में केंद्र द्वारा दिए जाने वाले विशेष पैकेज पर भी मंथन किया जाएगा। इसमें श्रीनगर में जल्द स्थापित किया जाने वाला आईआईएम का एक सैटेलाइट कैंपस भी शामिल है। इसके लिए मंत्रालय की ओर से कुल करीब 51 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जानी है। वर्तमान में आईआईएम जम्मू में है।

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