Motivational Story: मामूली ड्राइवर की बेटी ने नीट परीक्षा में मारी बाजी, खुशी से पिता की आंखें हुई नम

Driver Daughter Clear Neet Exam: नीट 2022 का परीक्षा परिणाम जारी हो चुके है. इस एग्जाम को क्लियर करने वाले कुछ छात्र ऐसे भी थे जिनके कहानी सुन कर आपकी आंखे नम हो जाएंगी। पढाई को लेकर इनका द्दढ संकल्प वाकई काबिले तारीफ है। इनकी कहानियां आपको जीवन में मोटिवेट करने में काम आएगी।
जिन छात्रों का मनोबल जल्द टूट जाता वे प्रियंका यादव के कहानी से बहुत कुछ सीख सकते है। क्योंकि कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो संसाधनों और सुविधाओं के आभाव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इन्हीं में से एक प्रियंका भी हैं। कोटपूतली की प्रियंका यादव की सफलता सभी के लिए एक मिशाल की तरह है.
भर आई पिता की आखें
प्रिंयका के पिता निजी गाड़ी के एक मामूसे से बस ड्राइवर है। लेकिन पिता की आंखे तब भर आई जब उन्हें अपनी बिटिया की सफलता के बारे में पता चला। क्योंकि पिता को पता था उनकी बेटी (प्रियंका) ने किन परिस्थितियों में और कितने संघर्ष के बाद ये सफलता हासिल की है. अपनी मामूली वेतन से वे घर भी चला रहे थे और अपने बच्चों को भी पढ़ा रहे थे।. प्रियंका के जज्बे को वाकई में सलाम करना चाहिए क्योंकि आर्थिक परेशानियों से जूझने के बावजूद उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अपने संकल्प पर टिकी रहीं। उनके इसी परिश्रम का नतीजा है कि आज उन्होंने नीट की परीक्षा में 2046 वीं रैंक हासिल की है. प्रिंयका ने कहा कि डॉक्टर बनकर असहाय लोगों की सेवा करेंगी।
सुने प्रियंका की कहानी उन्हीं की जुबानी
इस अवसर पर नेट क्वालीफाई छात्रा प्रियंका यादव ने बताया कि उसके पिता ड्राइवरी का काम करते हैं व दादाजी किसान हैं. पारिवारिक परिस्थितियों के विपरीत जाकर कठिन मेहनत की और आज सफलता प्राप्त की है. प्रिंयका ने कहा कि कि डॉक्टर बनकर असहाय लोगों की सेवा करूंगी. प्रिंयका ने अपनी सफलता के लिए अपने परिजनों व गुरुजनों का बड़ा सहयोग बताया है. उनका कहना है कि कोई भी विद्यार्थी ये ठान ले उसे सफलता हासिल करनी है. उसके सामने प्रस्तिथिया कही आडे नहीं आती।
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