ऑफलाइन मोड में परीक्षा कराने रविवि ने मांगी अनुमति, 5 जिलों में भेजा खत

पं. रविशंकर शुक्ल विवि की थ्योरी परीक्षाएं जुलाई के प्रथम सप्ताह में समाप्त हो रही हैं। अब रविवि प्रायोगिक परीक्षाओं के आयोजन के लिए नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। प्रायोगिक परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में लेने रविवि ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। इसमें पांच जिले-रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार व धमतरी शामिल हैं। इन जिलों में रविवि से संबंद्ध महाविद्यालय संचालित हैं। किसी भी जिले से जवाब रविवि प्रबंधन को अब तक नहीं मिला है।
रविवि ने सीमित संख्या में 20 से 30 छात्रों के बैच में परीक्षाओं की अनुमति मांगी है। यदि रविवि को ऑफलाइन मोड में प्रैक्टिकल की अनुमति नहीं मिलती है, तो छात्र ऑफलाइन मोड में परीक्षा दिलाएंगे। इसके लिए जूम मीटिंग, वीडियो कॉलिंग सहित अन्य चीजों की सहायता ली जाएगी। इन ऐप व ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए प्राध्यापक छात्रों से सवाल पूछेंगे, जिसके जवाब उन्हें तुरंत ही देने होंगे। इसके आधार पर छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा के अंक तय होंगे। गौरतलब है कि इस सत्र में वीडियो के जरिए ही प्रायोगिक पाठ्यक्रम पूर्ण किया गया है।
हो चुकी थी प्रायोगिक परीक्षा
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में भी छात्रों ने थ्योरी की परीक्षाएं घर बैठे ही दी थी। कोराेना संक्रमण के कारण शैक्षणिक संस्थान मार्च में बंद किए गए थे। इससे पहले वार्षिक कक्षाओं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं अधिकतर महाविद्यालयों द्वारा आयोजित की जा चुकी थीं। इसके चलते प्रायोगिक के अंकों को लेकर किसी परेशानी का सामना बीते सत्र में नहीं करना पड़ा था। इसके बाद हुई सेमेस्टर परीक्षाओं में प्रैक्टिकल को लेकर संकट उत्पन्न हुआ था। हालात को देखते हुए ऑनलाइन मोड में रविवि ने इसे आयोजित किया था। थ्योरी की तुलना में प्रायोगिक में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या कम है। विज्ञान संकाय में ही प्रायोगिक विषयों की अधिकता है। शेष संकायों में प्रायोगिक विषय गिनती के ही हैं।
बैकअप प्लान
यदि अनुमति नहीं मिलती है तो हमारे पास बैकअप प्लान है। हम ऑनलाइन मोड में प्रायोगिक परीक्षाएं ले सकते हैं।
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