QS World Rankings 2024: कैसे दी जाती है क्यूएस रैंकिंग, जानें क्या है इसकी खास बात

QS World Rankings 2024: कैसे दी जाती है क्यूएस रैंकिंग, जानें क्या है इसकी खास बात
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QS World Rankings 2024: क्यूएस यानी क्वाक्यूरेली साइमंड्स हर साल टॉप यूनिवर्सिटी की लिस्ट तैयार की जाती है। इसमें दुनियाभर की यूनिवर्सिटी को अलग-अलग पैरामीटर के आधार पर परखा जाता है। जानें क्या है इसकी खास बात...

QS World Rankings 2024: 12वीं करने के बाद सभी स्टूडेंट्स एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन चाहते हैं। बेस्ट यूनिवर्सिटी और कॉलेज की तलाश में स्टूडेंट्स कई पैरामीटर पर अपनी रिसर्च करते हैं। Nunzio Quacquarelli नामक एक व्यक्ति ने साल 1990 में क्यूएस यानी क्वाक्यूरेली साइमंड्स (Quacquarelli Symonds) की शुरुआत की थी, जो एक ब्रिटिश कंपनी है।

क्वाक्यूरेली साइमंड्स दुनियाभर के यूनिवर्सिटी का एनालिसिस करती है और फिर कई फैक्टर्स को चेक कर उसके आधार पर बेस्ट यूनिवर्सिटी की लिस्ट तैयार करती है। क्वाक्यूरेली साइमंड्स ने इस साल मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को लिस्ट में सबसे टॉप पर रखा है। स्टूडेंट्स इस लिस्ट के आधार पर बेस्ट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने का फैसला लेते हैं। जानते हैं क्वाक्यूरेली साइमंड्स ने यह रिसर्च कब शुरू की और टॉप यूनिवर्सिटी रैंकिंग कैसे बनाई जाती है।

19 सालों से तैयार की जा रही रैंकिंग

क्वाक्यूरेली साइमंड्स के द्वारा साल 2004 में QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग की शुरुआत की गई थी। यह कंपनी दुनियाभर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है और फिर टॉप के कुछ ऐसे विश्वविद्यालयों के नाम की लिस्ट तैयार करती है, जो 51 विभिन्न कोर्स की शिक्षा के साथ-साथ 5 फैकल्टी एरिया में भी शानदार सुविधाएं स्टूडेंट्स को देते हैं।

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग ऐसे की जाती है तैयार

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 जारी कर चुका है। इस रैंकिंग में 104 अलग-अलग लोकेशन की 1500 यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 की लिस्ट बनाने के लिए 17.5 मिलियन एकेडमिक पेपर का अध्ययन किया गया और साथ ही 2 लाख 40 हजार से ज्यादा एकेडमिक फैकल्टी एक्सपर्ट राय भी ली गई, तब जाकर क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 की लिस्ट तैयार की गई है।

QS World रैंकिंग की खास बात

क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग सिस्टम में शैक्षणिक प्रतिष्ठा, फैकल्टी-स्टूडेंट रेश्यो, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्लेसमेंट्स, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क, स्ततिओन पर फैकल्टी, इंटरनेशनल फैकल्टी रेश्यो और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात जैसे फैक्टर पर फोकस किया जाता है।

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