Success Story: भारत की बेटी को अमेरिका में मिली बड़ी जिम्मेदारी, कैलिफोर्निया कॉलेज की चांसलर हैं सोन्या क्रिश्चियन

Success Story: भारत की बेटी को अमेरिका में मिली बड़ी जिम्मेदारी, कैलिफोर्निया कॉलेज की चांसलर हैं सोन्या क्रिश्चियन
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Motivational News: सोन्या क्रिश्चियन को कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेज सिस्टम का स्थायी चांसलर नियुक्त किया गया है। आइए जानते हैं कौन हैं सोन्या क्रिश्चियन।

Success Story: सोन्या क्रिश्चियन को कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेज सिस्टम, अमेरिका की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक उच्च शिक्षा प्रणाली का स्थायी चांसलर नियुक्त किया गया है। उनकी प्रतिभा और प्रतिष्ठा का सम्मान करते हुए कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेजों को डॉ सोन्या क्रिश्चियन की 11वीं चांसलर के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्होंने केरल विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। उनकी नियुक्ति इस मायने में और भी महत्वपूर्ण है कि वह न केवल भारत की बल्कि दक्षिण एशियाई मूल की पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने विश्वविद्यालय प्रणाली का नेतृत्व किया।

कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेज अमेरिका में सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली है। यह 73 जिलों में फैला हुआ है और इसमें 116 कॉलेज शामिल हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोन्या क्रिश्चियन, कॉलेज सिस्टम की 11वीं स्थायी चांसलर, को कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेज बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा सर्वसम्मति से 23 फरवरी को चुना गया था। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं सोन्या क्रिश्चियन।

सोन्या क्रिश्चियन कौन है

सोन्या क्रिश्चियन का जन्म 28 जुलाई 1966 को क्विलोन, केरल में पॉल और पामेला क्रिश्चियन के घर हुआ था। उन्होंने 1987 में केरल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक किया और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। उन्होंने 1990 में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन किया। उनकी पढ़ाई का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ।

वर्ष 2002 में उन्होंने लॉस एंजिल्स में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ एजुकेशन की उपाधि प्राप्त की और शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया। इस दौरान सोन्या क्रिश्चियन ने 13 फरवरी 1993 को श्रीराम खे से शादी की और उनकी एक बेटी है जिसका नाम ईशा क्रिश्चियन है।

पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई कॉलेजों में एज्यूके स्निस्ट के तौर पर काम किया। 1991 में, वह सैक्रामेंटो में अमेरिकन रिवर कॉलेज में लेक्चरर बनीं। यहां कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम किया। वर्ष 1995 तक इसी पद पर रहने के बाद अगले पांच वर्षों तक एसोसिएट प्रोफेसर और उसके बाद डीन बनीं।

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