UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए जरुरी किया कोरोना टेस्ट, रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही परीक्षा में पाएंगे बैठ

UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए जरुरी किया कोरोना टेस्ट, रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही परीक्षा में पाएंगे बैठ
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संघ लोक सेवा आयोग ने कोरोना टेस्ट को एग्जाम में बैठने के लिए अनिवार्य कर दिया है। अगर परीक्षार्थी के पास नेगेटिव रिपोर्ट नहीं होगी तो वह परीक्षा का हिस्सा नहीं बन पाएगा।

संघ लोक सेवा आयोग ने 04 अक्टूबर 2020 को होने वाली UPSC की परीक्षा में बैठने के लिए कोरोना टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। मतलब की अगर आपको सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 और भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2020 में बैठना है तो पहले परीक्षार्थी को अपना कोरोना टेस्ट करवाना होगा और टेस्ट के नेगेटिव होने पर ही परीक्षार्थी को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

फिलहाल सभी जानते है कि UPSC की सिविल सेवा परीक्षा 2020 04 अक्टूबर 2020 को होनी है। पहले ये परीक्षा 31 मई 2020 को होनी थी पर कोरोना महामारी के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया और अक्टूबर में रख दिया गया।

सब जानते है कि UPSC द्वारा आयोजित यह परीक्षा में लाखों बच्चे भाग लेते है। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए संघ लोक सेवा आयोग ने कोरोना टेस्ट को लेकर यह फैसला लिया है। अगर टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होगी तो ही परीक्षार्थी को एग्जाम में बैठने दिया जाएगा।

संघ लोक सेवा आयोग ने सिर्फ इसी परीक्षा के लिए इस टेस्ट को अनिवार्य नहीं किया है बल्कि आने वाले जितनी परीक्षा आयोग द्वारा आयोजित करवाई जाएंगी। उनमें भी यह कोरोना की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट को अनिवार्य किया जाएगा। उसके बाद ही हर परीक्षा में परीक्षार्थी को बैठने दिया जाएगा।

जहां एक तरफ संघ लोक सेवा आयोग इस कोरोना रिपोर्ट को लेकर अपनी राय रख चुका है। वहीं इस सिविल सर्विस 2020 की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थी इस बात का विरोध भी कर रहे है क्योंकि परीक्षार्थियों के मुताबिक इस टेस्ट की फीस बहुत महंगी है। यह टेस्ट करवाने के लिए ढाई हजार रुपए खर्च करने पड़ते है और परीक्षार्थी इसका खर्चा नहीं उठा सकते क्योंकि ज्यादातर बच्चे आर्थिक रुप से इस टेस्ट को करवाने में सक्षम नहीं है।

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