क्या ChatGPT बच्चों की क्रियटिविटी को कर देगा कम? IIT प्रोफेसर ने दी ये खास सलाह

ChatGPT: ओपन एआई (Open AI) के चैटबॉट 'चैट जीपीटी' के आने के बाद एआई टूल्स (AI Tools) लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। चैट जीपीटी (ChatGPT) से लोग अपना काम आसानी से कर रहे हैं। इस चैटबॉट को भविष्य के लिए अच्छा बताया जा रहा है। एक तरफ जहां लोग इस एआई टूल को लेकर खुश हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि इससे बच्चों की रचनात्मकता, सोचने की शक्ति आदि कम हो जाएगी, जो उनके भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। इन तमाम सवालों और जवाबों के बीच IIT के एक प्रोफेसर ने Chat GT पर बच्चों के लिए कुछ सलाह दी है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा-
आपको बता दें कि चैट जीपीटी मशीन लर्निंग (Machine Lerning) पर आधारित एक एआई टूल है, जिसमें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सभी डेटा पहले से ही फीड है। यह आपको किसी भी सवाल का जवाब गूगल (Google) से बेहतर तरीके से देता है। यह चैटबॉट लॉ, एमबीए और मेडिकल की परीक्षा भी आसानी से पास कर चुका है। इसी बीच आईआईटी के प्रोफेसर राम गोपाल राव ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए चैट जीपीटी से जुड़ा एक पोस्ट किया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि वह हमेशा बच्चों से कहते हैं कि उन्हें क्रिएटिव बनना चाहिए नहीं तो गूगल उनकी जगह ले लेगा, लेकिन अब एक नया एआई टूल चैट जीपीटी (AI Tool ChatGPT) बाजार में आ गया है, जो क्रिएटिविटी को भी रिप्लेस कर सकता है। ऐसे में प्रोफेसर रामगोपाल राव ने ट्विटर अकाउंट के जरिए बच्चों के लिए कुछ सलाह शेयर की है।
बच्चे इन पांच बातों का ध्यान रखें
अपने ट्विटर पोस्ट में प्रोफेसर ने लिखा कि बच्चों के लिए लगातार नई चीजें सीखना और अपने स्किल्स को अपग्रेड करना बहुत जरूरी है। उन्होंने लिखा कि बाजार में चैट जीपीटी जैसे जो भी नए उपकरण आ रहे हैं, बच्चों को उनका उपयोग करना सीखना चाहिए। इससे वे अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक उत्पादकता बढ़ा सकेंगे। प्रोफेसर ने उदाहरण देते हुए बच्चों को समझाया कि जिस तरह लोग ऐसे ड्राइवरों को नौकरी पर नहीं रखना चाहते, जिन्हें गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना नहीं आता, उसी तरह कंपनियां ऐसे कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं रखना चाहतीं, जिन्हें लेटेस्ट टूल्स का इस्तेमाल करना नहीं आता।
- डॉ. राव ने कहा कि बच्चों को अपने विचारों को बेहतर बनाने के लिए अपने नेटवर्क को मजबूत करना चाहिए। उन्हें नए लोगों से मिलना चाहिए, विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों से मिलना चाहिए ताकि वे नई चीजें सीखें और अपने विचारों को नया करें। समाज को देखकर ही मन में एक अच्छा विचार पनपता है।
- प्रोफेसर ने बच्चों से यह भी कहा कि अगर उनका काम या नौकरी लगातार चल रही है या वे कुछ नया नहीं सीख रहे हैं, तो समझ लें कि आपकी नौकरी ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि समय लगातार बदल रहा है, नई तकनीक बाजार में आ रही है। इसलिए जरूरी है कि आप समय-समय पर खुद को अपडेट करें और नई चीजों को अपनाएं।
- राम गोपाल राव ने पोस्ट में लिखा कि टीम का प्रभावी खिलाड़ी होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि टीम में रहते हुए आपको यह सोचना होगा कि आप टीम के लिए कितने अच्छे हैं और आप टीम के लिए कितना अच्छा कर सकते हैं।
- जब भी आप अपना करियर बनाने के बारे में सोचें तो सैलरी पैकेज या समाज में चल रही अन्य चीजों के बारे में कभी न सोचें। हमेशा अपने दिल की सुनें और फिर अपने मन के अनुसार उसके लिए योजना बनाएं। प्रोफेसर ने कहा कि अच्छे भविष्य के लिए दिल और दिमाग का तालमेल जरूरी है और ऐसे में सभी को यह कदम उठाना चाहिए।
आपको बता दें, चैट जीपीटी को कई यूनिवर्सिटी में बैन कर दिया गया है। लोगों को डर है कि इससे बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है। हालांकि, सच यह है कि अगर इस टूल का इस्तेमाल सही और अच्छे काम के लिए किया जाए तो इससे प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सकती है।
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