World Best School Competition: भारत का ये स्कूल बना फाइनलिस्ट, मिलेगा 2 करोड़ का इनाम!

World Best School Competition: भारत का ये स्कूल बना फाइनलिस्ट, मिलेगा 2 करोड़ का इनाम!
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World Best School: महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित एक स्कूल देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. यह स्कूल पुणे के सुदूर गांव में स्थित है। यह चर्चित स्कूल किसी शहर या देश के प्रतियोगिता फाइनलिस्ट के तौर पर नहीं बल्कि ने वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्रतियोगिता का फाइनलिस्ट बनकर उभरा है.

World Best School: महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित एक स्कूल देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह स्कूल पुणे के सुदूर गांव में स्थित है। यह चर्चित स्कूल किसी शहर या देश के प्रतियोगिता फाइनलिस्ट के तौर पर नहीं बल्कि वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्रतियोगिता का फाइनलिस्ट बनकर उभरा है। इस प्रतियोगिता को जीतने पर स्कूल को करीब 2 करोड़ रुपये की इनाम राशि दी जाएगी। बता दें कि यह वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्रतियोगिता का आयोजन ब्रिटेन में किया गया है। इस प्रतियोगिता का मकसद दुनियाभर के स्कूलों का समाज की प्रगति में हिस्सा बनने को सेलिब्रेट करना है। इस प्रतियोगिता में टॉप पर आकर इस स्कूल ने बाजी मार ली, यह वाकई गौरव की बात है। महाराष्ट्र के इस स्कूल को फाइनल्स राउंड में इस लिए स्थान मिला क्योंकि यह स्कूल लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने में सफल रहा।

पुणे के भोपखेल में स्थित PCMC English Medium School अब प्रतियोगिता के community collaboration category में public advisory vote राउंड में आगे बढ़ चुका है। इस कैटेगरी के विजेता को अगले वर्ल्ड एजुकेशन वीक के दौरान सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि इस स्कूल को स्थानीय सरकार व एनजीओ के बीच पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के रूप में चलाया जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स लोअर मिडिल क्लास से आते हैं।

आयोजनकर्ता ने कही ये बात

ब्रिटेन के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के एजुकेशन ने कहा कि पीसीएमसी इंग्लिश मीडियम स्कूल स्थानीय डॉक्टरों, दुकानदारों और धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर ऐसे प्रोग्राम बनाने में मदद करता है, जो माता पिता के वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल द्वारा लोगों के लिए मुफ्त मेडिकल चेकअप प्रोग्राम शुरू किया गया। मास्टर शेफ स्टाइल में क्लास की शुरुआत की ताकि गांव के सभी परिवारों को स्वस्थ आहार के बारे में बताया जा सके। वहीं छात्रों के बीच हर रोज एक फल खाने की शुरुआत की गई।

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