...तो फर्जी थी बस्तर की वह विशेष ग्रामसभा..? सरपंच बोले- पुलिस का दबाव था

दन्तेवाड़ा। 25 फ़रवरी को कुआकोंडा ब्लाक के अरनपुर थानाक्षेत्र के बुरगुम ग्राम पंचायत में विशेष ग्रामसभा आयोजित कर सर्वसहमति से पुलिस विभाग को कैम्प स्थापित करने के लिए बड़े झाड़ के जंगल खसरा नम्बर 115 से 6.25 हेक्टेयर भूमि ग्रामसभा में पुलिस विभाग को कैम्प लगाने के लिए दी थी, जिस पर ग्रामसभा में पहुंचे महिला-पुरूष ग्रामीणों के अंगूठे के निशान और सरपंच सहित ग्रामसभा में मौजूद लोगों के हस्ताक्षर भी हैं, लेकिन दो ही दिन बाद बुरगुम सरपंच हरीम मरकाम सहित बुरगुम के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने दन्तेवाड़ा पहुँचकर पुलिस दबाब में जबरन ग्रामसभा कराने की बात करते हुए दन्तेवाड़ा कलेक्टर से निरस्त करवाने की मांग की है।
बुरगुम सरपंच हरीम मरकाम ने दन्तेवाड़ा कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि मुझे ग्रामसभा की जानकारी दो दिन पहले ही प्रशासन ने दी थी, पर ग्रामीणों को मैंने इस ग्रामसभा के बारे में कुछ नहीं बताया। मेरी इस गलती की वजह से मैं बुरगुम पंचायत के ग्रामीणों का गुस्सा झेल रहा हूँ। उक्त ग्रामसभा में 10 पारा में से महज 01 ही पारा पुजारीपाल के ग्रामीणों को घेराबन्दी करके जबरन बुलाया गया था।
लोगों को जबरन अंगूठा लगाने के बाद बताया गया कि यह ग्रामसभा सीआरपीएफ कैम्प के लिये है। इन सब बातों से पंचायत के ग्रामीणों का गुस्सा सरपंच पर फूट गया। सरपंच की ग्रामीणों ने पिटाई की।
ग्रामसभा को अब सरपंच हरीम मरकाम यह कहकर निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं कि उनकी जान को खतरा बढ़ गया है। कलेक्टर दिए गए पत्र में सरपंच हरीम मरकाम ग्रामसभा निरस्त करने की मांग करते हुए अपना और अपने 04 बच्चों का हवाला दे रहे हैं।
इसी तरह से दूसरा आवेदन नंदे मंडावी का दन्तेवाड़ा कलेक्टर के नाम से है। इस पर लिखा हुआ है कि ग्रामसभा में दी गयी भूमि नंदे मंडावी की है। इस भूमि का न्यायालय में प्रकरण पहले से दर्ज है। इस ग्रामसभा को सफल करने के लिए पुलिस वाले नंदे को जबरन घर से उठाकर ले गए और हस्ताक्षर करवा लिया। नंदे मंडावी ने भी जबरिया उठाने का आरोप लगाते हुए पुलिस पर कार्रवाई की मांग की है।
25 फरवरी को हुई ग्रामसभा की तस्वीरें, वीडियो और ग्रामसभा के समस्त दस्तावेज मीडिया को प्रशासन ने जारी किये थे, जिस पर अनेक ग्रामीण और स्वयं सरपंच नजर आ रहे हैं, लेकिन अब दो दिन बाद ही ग्रामीण, सरपंच और दूसरे स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस ग्रामसभा को फर्जी करार देते हुए उसे निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुँचे जनप्रतिनिधियों में जिला पंचायत सदस्य पायके मरकाम, समेली, नीलवाया सरपंच, बुरगुम गांव के जोगा और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
ग्रामीणों पर नक्सलियों का दबाव - एसपी
इस मामले में दन्तेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा है कि वीडियो, फ़ोटो और ग्राम सभा के दस्तावेज मीडिया पर भी चले हैं। ग्रामसभा के बाद सरपंच को मारपीट करने अज्ञात हमलावर भी आये थे, जिसकी शिकायत खुद सरपंच और सचिव ने की थी। नक्सलियों के दबाव में आकर सरपंच ग्रामसभा को निरस्त की बात कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण खुश हैं। सब-कुछ नियम से हुआ है। फोर्स तैनात होने के बाद से इलाके में खुशहाली बढ़ी है। इसकी बौखलाहट नक्सलियों में हैं। ग्रामीणों से बढ़ते रिश्तों के कारण नक्सली जबरन ग्रामीणों और सोशल एक्टिविस्ट को ढाल बनाकर ढोंग कर रहे हैं।
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