MP में OBC वर्ग को मिलेगा 27 फीसदी आरक्षण, विस में बिल पास...राज्य में अभी तक मिलता था 14% आरक्षण

भोपाल। राज्य में अभी तक ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता था, लेकिन इस विधेयक के पास होने के बाद अब से 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा। प्रदेश की कलनाथ सरकार ने आरक्षण बिल में सुधार करते हुए मार्च 2019 में इस अध्यादेश को पेश किया था। सरकार ने बीते 4 जून को ही कैबिनेट बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग को लिए प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण के प्रपोजल को मंजुरी दी थी, जिसके बाद अब यह विधेयक पारित होने के बाद मध्यप्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी में खुशी की लहर है।
सत्ता में आने के बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 8 मार्च को ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। इसका अध्यादेश भी जारी किया गया, लेकिन 10 दिन के बाद ही इस फैसले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और हाइकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। बता दें अभी तक प्रदेश में अनुसूचति जातियों और जनजातियों को 36 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। ऐसे में अब राज्य सरकार को अपने सभी विभागों में भर्ती के नियमों में बदलाव करना होगा।
वर्तमान में 50 फीसदी आरक्षण
प्रदेश में वर्तमान में अनुसूचित जाति को 16 जनजाति को 20 और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। इस तरह तीनों वर्गों को मिलाकर 50 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है।
इनको मिलेगी पांच साल की छूट
राज्य में अनुसूचति जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय, निगम, मंडल स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारी, नगर सैनिक, निशक्जन और महिलाओं के पांच साल की छूट मिलेगी। साथ ही राज्य में होने वाली सीधी भर्ती वाले पदों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई। सरकार ने इसे पहले हाईकोर्ट के आदेशानुसार उम्र की सीमा को घटाकर सभी के लिए समान रूप से 35 वर्ष कर दी थी।
ओबीसी को कांग्रेस के पाले में करने की कोशिश
इस कदम को सतारूढ़ कांग्रेस द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग को अपने पाले में करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य में ओबीसी को आम तौर पर बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है क्योंकि मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान उसी समुदाय से है।
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा, नौकरी नहीं तो कैसे फायदेमंद होगा
विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दने का समर्थन करते हुए मांग की कि ओबीसी कोटे के अंदर क्रीमी लेयर की शुरुआत की जाना चाहिए ताकि इसका लाभ ओबीसी के उस गरीब वर्ग तक पहुंच सके। जिसे कभी आरक्षण का लाभ ही नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के अंदर अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 7 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष ने यह भी पूछा कि जब नौकरी नहीं है तो यह आरक्षण ओबीसी के लिए कैसे फायदेमंद साबित होगा। उत्तर में सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि सरकारी निकायों, निगमों और स्थानीय निकायों में करीब 25 लाख नोकरियां उपलब्ध है, जिन्हें जल्द ही भर दिया जाएगा।
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