अंतागढ़ टेपकांड में मंतूराम पवार का बड़ा खुलासा, जोगी और रमन ने बनाया मोहरा, मेरे नाम से पैसों की लेन-देन की गई Watch Video

रायपुर। अंतागढ़ टेप कांड मामले में मुख्य अभियुक्त और भाजपा से निष्काशित नेता मंतूराम पवार ने गुरुवार को मीडिया के सामने अपनी बात रखी इस दौरान उन्होंने खरीद फरोख्त को लेकर बड़ा खुलासा किया। मंतूराम ने कहा कि इस मामले में मुझे अजीत जोगी और डॉ रमन सिंह ने मिलकर मोहरा बनाया। मुझे लालच दिया गया और डराने की कोशिश भी की गई। अपनी जान और परिवार की रक्षा के लिए मैंने नाम वापस लिया। आज मैं सभी पत्रकारों के सामने कहना चाहता हूं मुझे अगर कुछ होता है तो जिनका नाम मैंने लिया है वे जिम्मेदार होंगे ।
मेरे ऊपर सात करोड़ रुपये लेकर नाम वापस लेने का आरोप लगा जो पूरी तरह गलत है। मुझे कहा गया कि आप नक्सली क्षेत्र के हो, जान से मार दिए जाओगे। मुझे अजीत जोगी और रमन सिंह के कहने पर भाजपा में शामिल कराया गया। डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर मुझे धरमलाल कौशिक ने भाजपा में प्रवेश कराया। आज मंतूराम के साथ उपस्थित हुए इन 6 प्रत्याशियों में भीम सिंह उसेंडी, महादेव मंडावी, शंकरलाल नेताम, देवनाथ, भोजराज नाग, वीरेंद्र नेताम थे। मंतूराम ने कहा कि इन सभी का न्यायालय में 164 का कथन हो चुका है। कल धमतरी में इन्होंने रमन सिंह, अमन सिंह, ओपी गुप्ता के नाम से एफआईआर करवाया गया है। मंतूराम ने कहा कि इन सभी को 1-1 करोड़ देने की बात कही गई थी पर किसी को 50 हजार से अधिक नहीं मिला है।
जोगी ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का साथ दिया
मंतूराम पवार ने अजीत जोगी की डॉ. रमन सिंह के साथ साठ गांठ का अरोप लगाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने मिलकर अंदरूनी साठ गांठ की थी। अजीत जोगी ने मुझे राजनीति के नाम पर मुझे बेचा और रमन सिंह ने खरीदा। भाजपा और जोगी के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा। मैंने कई बार कहा अजीत जोगी से कि देर हो रही है। निगम मंडलों की बात हुई थी, पैसों की बात हुई थी, कैबिनेट का दर्जा, विधानसभा और लोकसभा की टिकट देने की बात कही गई लेकिन कुछ नहीं मिला। दोनों एक दूसरे को अपना विरोधी बताते हैं लेकिन अंदर अंदर चुनावों में एक दूसरे की मदद करते हैं। प्रदेश में भाजपा की तीन बार सरकार बनी और तीनों बार जोगी ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का साथ दिया। मुझ पर और मेरे परिवार पर आज भी जान का खतरा है।
पैसे देकर चुनाव न लड़ने का दबाव
मंतूराम प्रेस वार्ता के दौरान अपने साथ छह लोगों को लेकर आए थे, जो उस वक्त अंतागढ़ से विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें पैसे देकर चुनाव न लड़ने का दबाव बनाया गया। कुछ नेताओं ने स्वीकार किया कि उन्हें रकम दी गई थी। भाजपा और जोगी के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा। मैंने कई बार कहा अजीत जोगी से कि देर हो रही है। निगम मंडलों की बात हुई थी, पैसों की बात हुई थी, कैबिनेट का दर्जा, विधानसभा और लोकसभा की टिकट देने की बात कही गई लेकिन कुछ नहीं मिला।
मंतूराम ने कहा कि हम जांच चाहते हैं। चाहें फिर केंद्र स्तर की कोई संस्था इसकी जांच करे।अंतागढ़ टेप कांड को लेकर चल रही जांच में मैं अपना वायस सेंपल देने के लिए हमेशा से तैयार हूं। इस मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए। अजीत जोगी आखिर वाइस सेंपल देने से क्यों बच रहे हैं। उन्हें पता है कि यदि उन्होंने वाइस सेंपल दिया तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मंतूराम ने कहा, मैं अपनी बात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाना चाहता था, लेकिन उल्टा मुझ पर ही कार्रवाई की गई। मेरे नाम से मुझे विश्वास में लिए बगैर पैसा लिया गया है। रमन सिंह से हमने जब पूछा तब वे कहते थे कि मैंने पैसे भेजे आपको नहीं मिला क्या।
3 नवंबर 2015 के एक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए मंतूराम ने कहा कि उस दिन मैं दिल्ली के मेदांता हॉस्पीटल में फिरोज सिद्दकी और संजय अग्रवाल से मिला था। ये दोनो मुझे उसी अस्पताल में रमन सिंह से मिलवाए थे। रमन सिंह उसी दिन विदेश यात्रा से लौटे थे। मंतूराम ने कहा कि मैंने उनसे कहा था कि आपसे मिले आर्शीवाद के बाद मैंने नाम वापस ले लिया है। हमारी चर्चा के बीच पुनीत गुप्ता वहां आए थे। उस दौरान वे डॉक्टर की वेशभूषा में थे। रमन सिंह ने पुनीत से मेरा परिचय भी कराया था। तब मैंने रमन सिंह से पूछा था कि अब मेरा क्या होगा? तब उन्होंने कहा था कि चिंता मत करो। मैंने जो कहा है वो सब पूरा होगा। पुनीत, राजेश मूणत के साथ मिलकर ये सारे काम करवा देगा।
मुझे कांग्रेस से पहचान मिली
भूपेश बघेल को धन्यवाद देता हूं कि मर्दानगी दिखाकर जोगी को बाहर किया इसलिए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। मुझे कांग्रेस से पहचान मिली, लेकिन भाजपा ने सिर्फ मेरा इस्तेमाल किया। भाजपा में सिर्फ मुझे अपमानित ही किया गया। दादागिरी कर मुझे पार्टी से बाहर निकाला गया। मैं एक इमानदार आदिवासी नेता हूं मेरे नाम से पैसों की लेन.देन की गई।
बता दें कि अंतागढ़ कांड में आरोपी मंतूराम पवार ने 7 सितंबर को कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान देकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी थी। मंतूराम के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया।
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